कांग्रेस के विद्याधर चौधरी ने भाजपा को फुलेरा से क्लीन बोल्ड किया

 विधायक निर्मल कुमावत की कमजोरी से फुलेरा में भाजपा को करारी शिकस्त मिली

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील। फुलेरा विधानसभा क्षेत्र से हैट्रिक विधायक रहे निर्मल कुमावत चौथी दफा जीत का चौंका लगाने से चूक गए और उन्हें कांग्रेस के विद्याधर चौधरी ने क्लीन बोल्ड कर 20 साल बाद प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज कर एक नया इतिहास भी रच दिया।और भाजपा के प्रत्याशी कुमावत विधानसभा क्षेत्र की देवतुल्य जनता व सैकड़ो कार्यकर्ताओं की भावनाओं को समझने में पूरी तरह से असफल रहे, वहीं कांग्रेस के चौधरी पिछली दफा मिली हार के बाद भी पूरे विधानसभा क्षेत्र में 5 साल तक सक्रिय रहकर जनता के दुख दर्द को समझा और उनकी सेवा में लगातार जुटे रहे यही प्रमुख कारण रहा कांग्रेस चार दशक बाद फुलेरा विधानसभा में अपना वर्चस्व स्थापित करने मैं सफल हो सकी। 

विद्याधर चौधरी

भाजपा के प्रत्याशी निर्मल कुमावत की हार की वजह जो बताई उसमें प्रमुखता से सांभर को जिला बनाने के महापड़ाव से खुद को अलग रखना, पार्टी के पुराने और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को दरकिनार करना, युवा कार्यकर्ताओं को प्रमुख कार्यक्रमों में तवज्जो नहीं देना, इने गिने सलाहकारों के बल पर चुनाव के नेतृत्व की कमान सौंप कर निश्चिंत हो जाना, जन समस्याओं के लिए खुले तौर पर उनकी ओर से कोई प्रयास नहीं करना, सोशल मीडिया पर निर्मल भगाओ सांभर बचाओ, मोदी तुझसे बैर नहीं निर्मल तेरी खैर नहीं के संदेशों को जिम्मेदार पदाधिकारीयों की ओर से नजर अंदाज करना, एन वक्त पर  पुराने कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर गिले शिकवे दूर करने की कोशिश करना, प्रजापति समाज के लोगों की नाराजगी लगातार बने रहना, सांभर से बाहर गए सरकारी कार्यालयों को वापस लाने में कोई भी रुचि नहीं दिखाना, विकास में सांभर उपखंड मुख्यालय को गौण रखना, के अलावा खुद की जीत को पक्का मान लेना ही भाजपा के हार का प्रमुख कारण रहा है। 

वसुंधरा राजे की सभा के दौरान मंच पर महिला पदाधिकारीयों और कार्यकर्ताओं व युवा मोर्चा के तमाम कार्यकर्ताओं को स्थान नहीं मिलने के बाद कुमावत के प्रति अंदरुनी रोष कोढ में खाज का काम कर गया। नतीजा यह हुआ कि प्रदेश में प्रचंड बहुमत लेकर सत्ता में वापस लौट रही भाजपा की जीत के जश्न को भी विधायक कुमावत की हार की वजह से नहीं मना सके। इधर इस बार चुनाव में कांग्रेस के विद्याधर चौधरी को मिले भारी समर्थन और सहानुभूति कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में नई जान फूंक दी। श्रेत्र के लोगों की भावनाओं को समझते हुए जिले के महापड़ाव के आंदोलन को प्रमुखता से अपने हाथों में लेकर अपनी सरकार के खिलाफ खुलकर मैदान उतरे चौधरी को तभी से लोगों ने विधानसभा तक पहुंचाने का मन बना लिया यह भी एक कांग्रेस की जीत का प्रमुख कारण रहा।