रावण पर राम की जीत की याद का दिन!

आज विजयदशमी है!!

संकलन : ज्ञानेंद्र रावत 

www.daylife.page 

महापण्डित रावण एक महिला के अपहरण से कैसे सब की नज़रों में गिर गया कि पीढ़ी दर पीढ़ी हम उसकी हार का जश्न मनाते हैं! आयह दिन हमें स्त्री की गरिमा का बोध कराता है। आज रावण वध देख कर लौटते समय ज़रा अंकिता भंडारी से ले कर हाथरस की निर्भया, कश्मीर की आसिफा और उन सभी लड़कियों तथा महिलाओं को भी याद करें जो रावण से भी बड़े पापियों की शिकार बनीं।

आज रावण की याद करते हुए एक बार फिर गुजरात से ले कर मुजफ्फरनगर के दंगों की पीड़ित उन लड़कियों और उन औरतों को भी याद करना न भूलें जिनके देह के घाव तो समय के साथ भर गए लेकिन जिनकी चेतना और आत्मा का ज़ख्म आज भी ताज़ा है !

आज रावण का पुतला जलते देख बिल्कीस बानो को भी याद करें जिनके बलात्कारियों को, जिनकी बेटी और रिश्तेदारों के हत्यारों को न सिर्फ़ छोड़ दिया गया, बल्कि जेल से आने के बाद उनका "स्वागत" फूल मालाओं से किया। उन्होंने वे पाप किए थे जो रावण ने भी नहीं किये थे!

विजयदशमी के दिन उन महिलाओं को भी याद कर लें जो #Metoo के तहत अपने-अपने रावणों का नाम दर्ज कराती रही हैं। उनके रावणों के प्रति भी अपना रुख़ तय करना न भूलें।

रावण की लंका आज भी है जो एम जे अकबरों और सेंगरों को प्रश्रय देती रही, जिसने अब भी उससे नाता नहीं तोड़ा है। 

आधुनिक लंका के गली कूचों में यहां वहां आसीन आधुनिक रावणों के होंठों पे ज़हरीली मुस्कुराहट आपसे कुछ कहती है, उसे भी पढ़ें!

सदियों पुराने रावण के कागज़ के पुतलों को जला कर लौटते वक्त ज़रूर याद रखियेगा की हाड़ मांस का असली रावण सत्ता के गलियारों से ले कर हमारी गली कूचों में दनदनाते फिर रहे हैं। हम आप कई बार उन्हें देख कर, उनका नाम-धर्म - जाति देख कर चुप हो जाते हैं, और नज़रें मोड़ लेते हैं।

यह विजयदशमी अंकिता भंडारी के नाम करें! यह विजयदशमी अंकिता भंडारी जैसी हज़ारों लड़कियों और महिलाओं के नाम करें!

इस विजयदशमी पर असली रावण की पहचान करें!

इस विजयदशमी पर असली रावण के संहार का प्रण करें!

इस बार असली विजयदशमी मनाने की कोशिश करें!