जयपुर। कालबेलिया नृत्यांगना, गायक, संगीतक यह तीनो ही गुण मौजूद है अंतरराष्ट्रीय डांसर गुलाबो की पांचवीं संतान रूपा सपेरा मे अपने अंदर तीन विधाऐ रूपा में समाहित है। रूपा का कहना है कि हमारे समाज का मुख्य काम बीन बजा कर सांप का खेल दिखाना ही हमारे समाज की रोजी रोटी का जरिया बना हुआ है। हमारे समाज की लड़कियों को घर से बाहर नही निकलने दिया जाता था हमारी माता ने कम्यूनिटी के लिए एक प्लेटफार्म तैयार कर दिया है।
कालबेलिया डांस को आजकल सही ढंग से प्रस्तुत नही किया जा रहा है, माता से जो संस्कार मे डांस हमें मिला है उसे ही आगे बढ़ाना ही मेरा सपना है और मैं और मेरी आने वाली पीढ़ियों को इस कला को बरकरार बनाए रखना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है। मैंने छह वर्ष कि आयु में गोविन्द देव जी के मंदिर में पहली बार डांस किया था वहीं पर गिटार बजाना मैंने अपने मामा को देखकर सिखा है। मैंने मोडलिग भी की है 2020 मे ट्रैवलिंग क्वीन में मुझे दूसरे नंबर रही थी। मेने मां के द्वारा डिजाइन किया गया पारंपरिक ड्रेस पहन कर अपने कल्चर को प्रस्तुत किया था।