मंदिरों की पट्टियां क्षतिग्रस्त, दीवारों में भी आई दरारें
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
www.daylife.page
सांभरझील। यहां के वार्ड नंबर 22 में स्थित अति प्राचीन भगवान चारभुजा नाथ और आशापुरी माता मंदिरों को लंबे समय से जीर्णोद्धार और मरम्मत की दरकार है। पुजारी राजेंद्र व्यास, पार्षद गौतम सिंघानिया ने बताया कि यहां सालभर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं और हर साल कई खास मौकों पर होने वाले विशेष कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में लोग इकठ्ठा होते हैं. लेकिन पिछले कुछ समय से इन दोनों मंदिरों के भवन को काफी नुकसान पहुंच रहा है. इनकी दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें आ रही हैं और छत की पट्टियां भी दरक रही हैं. मंदिरों के भवन का फर्श भी कई जगहों से धंस रहा है।
गौरतलब है कि भगवान चारभुजानाथ मंदिर के मुख्य द्वार के पास जलदाय विभाग द्वारा पानी की सप्लाई के लिए बिछाई गई पाइप लाइनों का जंक्शन है. ऐसे में आशंका है कि पाइप लाइनों या जंक्शन से लगातार पानी लीकेज होने से दोनों मंदिरों के भवन को नुकसान पहुंच रहा है। समाजसेवी तरुण कुमार उपाध्याय, मुकेश व्यास ने बताया कि जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को पाइप लाइनों के लीकेज की जांच और लीकेज दुरुस्त करवाने के लिए अनेक दफा अनुरोध किया जा चुका है, लेकिन इसके बावजूद इसका पता नहीं लगाया जा रहा है जिसे संभवतया भूमिगत पाइपलाइन लीकेज होने से मंदिर की नींव तक पानी पहुंच रहा है जिसकी वजह से मंदिरों को बेजा नुकसान हो रहा है।
बता दें कि भगवान चारभुजानाथ मंदिर का जीर्णोद्धार पुरातत्व विभाग की ओर से विगत वर्षों में कराया गया था लेकिन कार्य में महज लीपापोती ही हुई है। अनेक दफा अधिकारियों व विभाग को भी अवगत करवाया गया लेकिन घटिया कार्य की आज तक कोई जांच नहीं हुई है। चारभुजा नाथ व आशापुरी माता के मंदिरों को लगातार हो रहे नुकसान और इनकी जर्जर हालत को ध्यान में रखते हुए इनके जीर्णोद्धार और मरम्मत की व्यवस्था करवाने, प्राचीन मंदिरों के अस्तित्व को बचाने के लिए तकनीकी सर्वे करवाने व संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान करने हेतु विधायक निर्मल कुमावत से अनुरोध किया है।