महिला सशक्तिकरण पर राष्ट्रीय सेमीनार एवं अवार्ड कार्यक्रम देहरादून में सम्पन्न

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देहरादून। स्वतंत्रता ,समानता सामाजिक न्याय न्याय एवंबंधुत्व यह चार बातें समाज को उत्तम समाज बनाने के लिए पर्याप्त हैं इसका अनुसरण करें.बाबा साहब निर्मित संविधान को देखें तो उसकी चार बातें प्रस्तावना में कहीं गए हैं जो सबसे महत्वपूर्ण है स्वतंत्रता, समानता सामाजिक न्याय न्याय एवं बंधुत्व। यह चार बातें समाज को उत्तम समाज बनाने के वनाने के लिए पर्याप्त हैं इसका अनुसरण सभी को करना चाहिए।यह उदगार श्रीप्रकाश सिंह निमराजे, अध्यक्ष, गोपाल किरन समाजसेवी संस्था ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर रखते हुए कहा देहरादून शहरों मैं सबसे अनोखा शहर है जहाँ उत्तम शिक्षा व शिक्षण संस्थानो से, अपने पर्यटन स्थलों से, प्राकृतिक सौंदर्य, अद्वितीय परिदृश्य और आधुनिक सुविधाओं से, सुखद मौसम, सुंदर परिवेश, चाय और लीची के बागानो की भूमि है। इस शहर की ओर खास विशेषता है कि सबसे जरूरी बात है भारतीय संविधान मूल प्रति प्रिंट हुई हजार इसलिए पावन धरा देहरादून का चुनाव कार्यक्रम के लिए किया गया। यह कार्यक्रम ऑफिसर्स ट्रांजिस्ट होस्टल रोड पर फाइनेंशियल लिटरेसी जेंडर इक्यूलिटी एवं महिला सशक्तीकरण इनइन्नोवेशन टेक्नोलॉजी टू अचीव सस्टेनेबल गोल विषय पर रखा गया। 

प्रेस नॉट में जानकारी देते हुए बताया कि संविधान की वजह से ही सर्व समाज के महिलाओं को दिया है जो समानता का अधिकार। जहां कुरुतियों के नाम पर  होती रही सदियों से अत्याचार, शोषित, पीड़ित, वंचितनिर्बल बला नारी जो होती बाल विवाह, सती प्रथा के मारी, विधवाओं को न था अधिकार जीवन बिताये  वो खुशहाल।

महिलाओं को मिले विशेष अधिकार जिसके लिए हिंदू बिल लिख पास कराने बाबासाहेब हुए तैयार हिंदू कोड बिल पास न हुआ तो मंत्री पदभार से भी दे दिया त्याग दूजा ना कोई। नारी आर्थिक, मानसिक,शारीरिक एवं शोषण से बचाव में लड़ अपने जीवन में लाए सुधार।सर्वसमाज के महिलाओं का जीना न था आसान आज हममहिलाएं ले यह संज्ञान तब तक मिलेगी हमें मान- सम्मान जब तक है सलामत भारत का संविधान। बड़ी बिडंबना है कि महिलाये आज सब लेती हैं अधिकार को, किंतु जानते नहीं संविधान को। यकीन नहीं तो एक बार उठा पढ़ लो अपनी नारी मुक्त दाता भारतीय संविधान के रचयिता, सिंबल ऑफ नॉलेज बाबासाहेब जीवन संघर्ष महान। जो दिया तेरे हक में ये सारे अधिकार समान मेहताना का अधिकार, गरिमा और शालीनता का अधिकार, दफ्तर और कार्यालय पर उत्पीड़न से सुरक्षा, घरेलू हिंसा के खिलाफ अधिकार, पहचान न जाहिर करने का अधिकार, मुफ्त कानूनी मदद का अधिकार, रात में महिला को नहीं कर सकते गिरफ्तार, वर्चुअल शिकायत दर्ज करने का अधिकार, संपत्ति का अधिकार, मात्तृत्व संबंधी लाभ के लिए अधिकार यह अधिकार महिला शक्तीकरण में मील का पत्थर है। 

इस अवसर पर 171 लोगों को साउथ एशिया आईडियल अवार्ड, युग्म अलकरण से सम्मनित किया। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वल्लित कर किया गया।सूर्यकांत सीनियर कंसल्टेंट पूर्व डीजीएम, सेबी, म्युचुअल फंड इंडिया, ने कहा कि गोपाल किरन समाज सेवी संस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्था बहुत अच्छा कार्य कर रही है। सभी बुद्धिजीवी यहाँ मंथन के लिए एकत्र हुए है। मंथन के पश्चात धरातल पर भी कार्य करने की जरूरत है। वित्तीय प्रबंधन की आज की जरूरत है जिसके लिए जागरूक करने की आवश्यकता है। प्रमुख वक्ता के रुप मे  लख़नऊ से पधारे डॉ. बी. पी. अशोक, (IPS) आपने इस अवसर पर  अपने उद्बबोधन में कहा कि समाज में जो लोग प्रगति पथ पर अग्रसर हो जाते हैं उन्हें चाहिए कि वह समाज को भी जागृत करें एवं समाज में अपना योगदान दें। अपनी आय को समान रूप से चार भागों मैं विभाजित किया जाए। माता-पिता, पत्नी, स्वयं व समाज जिससे कि सभी का आर्थिक रूप से स्वालंबी बन सकेंगे जिससे समाज भी प्रगति की ओर अग्रेषित होगा। नई दिल्ली से पधारे लखमीचंद गौतम, अवर सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग ने महिलाओं ने कहा कि जो प्रयास हुए है उससे ज्यादा करने की आवश्यकता है।उन्होंने विभागीय कार्यक्रम की जानकारी रखी। मनोज शुक्ला, (प्रवक्ता) उमेश चंद चमोला, (प्रवक्ता), राजेश खत्री, (प्रवक्ता) राज्य शैक्षणिक अनुसन्धान परिषद, देहरादून ने कहा कि सामाजिक चेतना को जागृत करते हुए समाज के हर बच्चे को शिक्षित बनाना है शिक्षा एक वह सफलता की कुंजी है जो व्यक्ति को तर्कपूर्ण आदर्शवादी जीवन जीने के लिए अग्रसर करती है। डॉ. मधु प्रिया, एसोसियेट प्रोफेसर, एम्स, ऋषिकेश, उत्तराखंड ने महिला शक्तीकरण पर बात रखी। 

संजय अग्रवाल, हेड, केपेसिटी बिल्डिंग, देहरादून ने समुदाय की विभिन्न माध्यमों से क्षमता, दक्षता बढाने पर जोर दिया गया। पंचकूला से पधारे डिप्टी डायरेक्टर प्रदीप कुमार ने कहा कि लोगो को अवसर देने की जरूरत है उनमें अपार सम्भावना है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ परिवहन अधिकारी राजेश कदम जी ने कहा कि काम करो ऐसा कि एक पहचान बन जाए,हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाए। यहां जिंदगी तो हर कोई काट लेता है, जिंदगी जियो इस कदर कि मिसाल बन जाए। हमको हर समय सहयोग के लिए तैयार रहना होगा। परिश्रम और लगन से इंसान शिखर छूता है, ऐसे ही प्रयास करते रहो। सफलता अवश्य प्राप्त होगी। गृह मंत्रालय भारत सरकार से पधारे ओ. पी. अहिरवार जी ने अपनी बात रखी। इस अवसर पर बदायूं की लेखिका मेघा अग्रवाल की पुस्तक दिल की कलम से का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया। 

इस अवसर पर कई महिलाओं व पुरुषों ने विचार व्यक्त कर अपनी रचनाओं की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की अनोखी बात रही कि ज्यादातर महिलाएं ड्रेस कोड पिंक कलर मैं परिधान पहने हुए थी। अतिथियों को स्मृति चिन्ह सुमन रानी, सुनीता श्रीवास्तव ने देकर किया। श्रीप्रकाश सिंह निमराजे का सम्मान रूस से विशेष रूप से मगाई गई शाल पहनाकर डॉ. अम्बेडकर की  तस्वीर भेट कर किया। प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत श्रीमती सुनीता श्रीवास्तव, रेणु श्रीवास्तव, अर्चना रानी, सुनीता भटनागर, राजेश सिंह, शशि कौशिक, विदिशा पनवार, मंजुलता अष्ठाना, सन्तोष गर्ग, मंजू गौतम ,राजपाल सिंह आदि बुके देकर किया। यह कार्यक्रम के.सी. मीणा (IFS), आर. के मेहरा के सरक्षकत्व मैं श्रीप्रकाश सिंह निमराजे के नेतृत्व मैं सम्पन्न हुआ।