आईआईएम संबलपुर में शुरू हुआ एमबीए का 9वां बैच

अब तक के सबसे बड़े इस बैच में शामिल हैं 60 प्रतिशत छात्राएं

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संबलपुर। देश के प्रीमियम बी-स्कूलों में से एक आईआईएम संबलपुर ने एमबीए के अपने 9वें बैच की शुरुआत की घोषणा की है। यह इस संस्थान का सबसे बड़ा बैच है। संस्थान ने बैच का आकार पिछले साल 300 से बढ़ाकर इस साल 320 कर दिया है।

इन्क्लूजन यानी सबको समान अवसर प्रदान करने के आईआईएम संबलपुर के कोर वैल्यूज के साथ इस नए बैच में महिलाओं की भागीदारी में अच्छी-खासी बढ़ोतरी देखी गई है और इस बार 329 सीटों में से 197 सीटें यानी 60 प्रतिशत सीटों पर छात्राओं ने अपनी दावेदारी पक्की कर ली है। बाकी 40 फीसदी सीटें छात्रों को आवंटित की गई हैं। 

संस्थान का प्रयास है कि छात्रों को बिजनेस संबंधी तेजी से बदलते माहौल के अनुकूल प्रबंधन शिक्षा के सभी पहलुओं के बारे में उत्कृष्ट शिक्षण प्रदान किया जाए। नए बैच को तकनीक आधारित व्यापक शिक्षण की सुविधा मिलती है। 

एमबीए के 9वें बैच के उद्घाटन समारोह में वेदांता लिमिटेड के प्रेसिडेंट डॉ. तपनकुमार चंद और डेलॉयट की पार्टनर सुश्री स्वाति अग्रवाल सहित अनेक सम्मानित अतिथि उपस्थित थे। अतिथियों ने समारोह में उपस्थित सभी छात्रों को प्रेरणादायक विजन प्रदान करने का प्रयास किया। अपनी विशेषज्ञता के साथ ज्ञान और बुद्धिमत्ता को साझा करते हुए, उन्होंने आने वाले बैच को उनकी आगे की शैक्षणिक यात्राओं के बारे में मार्गदर्शन दिया और बताया कि इसमें क्या शामिल होगा। प्रो. शिवानी शर्मा ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों को धन्यवाद दिया।

आईआईएम संबलपुर के डायरेक्टर प्रो. महादेव जयसवाल ने संस्थान के अब तक के सबसे बड़े बैच का स्वागत करते हुए अपने विचार व्यक्त किए और कहा, ‘‘आईआईएम संबलपुर में, हम तीन कोर वैल्यूज पर ध्यान केंद्रित करते हैं, ये हैं- इनोवेशन, इंटिग्रिटी और इन्क्लूसिवनेस, जो कि हिंदू देवताओं - ब्रह्मा, विष्णु और महेश की शिक्षाओं पर आधारित हैं। आईआईएम संबलपुर के लोगो में शामिल तीन पंक्तियाँ उन तीन मूल्यों को दर्शाती हैं, जो प्रसिद्ध संबलपुरी हथकरघा डिजाइन में भी हैं। अगर इन तीन बुनियादी मूल्यों पर ध्यान दिया जाए तो भारतीय बी-स्कूलों को वैश्विक स्तर पर रैंकिंग दिलाने में मदद मिल सकती है। मेरा मानना है कि आगे चलकर ये मूल्य आने वाले बैच के लर्निंग एक्सपीरियंस को एक नया आयाम देंगे। साथ ही मुझे यह भी उम्मीद है कि यह परिवर्तनकारी शैक्षिक अनुभव भविष्य में एक बड़ा सामाजिक प्रभाव कायम करने में सहायक साबित होगा।’’

डेलॉयट की पार्टनर सुश्री स्वाति अग्रवाल ने प्रबंधन में आईपीएल की अवधारणा को जोड़ा और इसके साथ ही प्रभाव, उद्देश्य और नेतृत्व के रूप में भी इसे समझाने का प्रयास किया। उन्होंनेे कहा, ‘‘प्रभाव आपके द्वारा किए गए सामाजिक प्रभाव को दर्शाता है; उद्देश्य आपकी आंतरिक प्रेरणा को दर्शाता है; और अंत में नेतृत्व, जो दूरदर्शिता और दूसरों को प्रेरित करने के बारे में है। इसी तरह, दो एफ भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं, ये हैं- फेल्योर और फ्रेंडशिप। छात्रों को अपने जीवन की विफलताओं से सीखते हुए दोस्ती के साथ आगे बढ़ना सीखना होगा। जितना हो सके उतने मित्र बनायें। वे भावी जीवन में आपके लिए बहुत सहायक साबित होंगे।’’

वेदांता लिमिटेड के प्रेसिडेंट तपन कुमार चंद ने एथिकल लीडरशिप के महत्व की चर्चा की और अपने पेशेवर अनुभव और विभिन्न भूमिकाओं में नैतिक नेतृत्व के महत्व के बारे में छात्रों के साथ अपना अनुभव शेयर किया। साथ ही उन्होंने लंबे समय में एथिकल लीडरशिप से होने वाले फायदों के बारे मंे भी बताया और केंद्रित प्रयासों की शक्ति को रेखांकित किया, जो अच्छे परिणाम प्राप्त करने में मदद करते हैं।

नए शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत के साथ ही आईआईएम संबलपुर अपने मिशन को लेकर तेजी से आगे बढ़ रहा है। संस्थान का प्रयास है कि सामाजिक रूप से जिम्मेदार ऐसे अग्रणी लोगांे की पीढ़ी तैयार की जाए, जो समाज में सकारात्मक बदलाव को बढ़ावा देने के साथ-साथ लोगांे को प्रोत्साहित भी करे। अपने प्रतिष्ठित संकाय सदस्य, अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे और उद्योग भागीदारी के साथ, आईआईएम संबलपुर भारत और उसके बाहर व्यापार परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने के लिए औद्योगिक रूप से समर्पित है।