विश्व के सबसे बड़े जयंती है अंबेडकर जयंती : कालूराम चांदोलिया

सुनील जैन की रिपोर्ट 

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जयपुर। देश प्रदेश में ही नही बल्कि पूरे विश्वभर में अम्बेडकर जयंती बड़े धूमधाम से मनाई जाती है पर आज भी यह विचारणीय है कि बड़े बड़े मंचो से सभी पार्टियों के नेता अम्बेडकरवादियों के हितों के काम और वादे करते है लेकिन वास्विकता में धरातल पर दलितों और वंचितों के साथ न्याय की उम्मीद नही नहीं की जा सकती है आए दिन राजस्थान में घटनाएं जैसे जितेंदपाल मेघवाल, इंदरपाल मेघवाल और ओमप्रकाश रैगर के बाद बीते दिन बाड़मेर में कोजाराम मेघवाल को जातिवादी मानसिकता के चलते मौत के घाट उतार दिया गया आखिर ऐसी घटनाएं कब रुकेगी कुछ समझ नहीं आता।

आखिर कब और कोनसी ऐसी सरकार आएगी जो दलितों और वंचितों के आंसू पोछने का काम करेंगे। अब समय है हर व्यक्ति चाहे वह दलित हो पिछड़ा हो या फीर महिलाएं हो अब अपने हक ओर अधिकार के प्रति जागरूक होने की ओर कलम रूपी तलवार उठाने की जिससे वह अपने अधिकारों पर बन्धी बेडिया काट सके। -जनसेवक कालूराम चांदोलिया, खोरा मीणा आमेर