छोटे बच्चे भी रोजा रखने में पीछे नहीं

जाफ़र खान लोहानी

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मनोहरपुर (जयपुर)। रमजानुल मुबारक माह में मुस्लिम समाज के लोग लगभग 14 - 15 घण्टे तक भुखे प्यासे रहकर व ख़ुदा की ईबादत में मशगूल होकर अपने ख़ुदा को राजी कर रहे हैं वही छोटे लड़के भी रोजा रखने में पीछे नही हैं। 

रोजाना सहरी में उठकर रोजा रखने की जीद कर रहे हैं जिन माता पिता को पूरा यक़ीन होता हैं कि उनका लाडला लड़का या लड़की पूरे दिन भूखे प्यासे रहकर रोजा रख लेंगे वही माता रोजा रखने की इजाजत दे देते है अन्यथा रोजा नही रखने देते हैं जो लड़के या लड़की अपने जीवन का प्रथम रोजा रखते हैं तो बहुत बड़ी खुशी की जाती हैं मोहल्लेवासियों रिश्तेदारो व परिवार के लोगो को दावत दी जाती हैं और खुशियां मनाई जाती हैं। 

रोजा रखने वाले लड़के या लड़की को मालाएँ पहनाई जाती हैं नए कपड़े पहनाए जाते है पूरे परिवार के लोग ख़ुशी मनाते हुए रोजे की मुबारकबाद देते हैं। मोहल्ला सारवान के हबीब खान पडियार के पोते व यूनुस खान पडियार के दो बेटो में 11 वर्षीय राहिद खान व 7 वर्षीय आहिल खान ने अपने जीवन का प्रथम रोजा रखा है। समाज सेवी आसिफ खान पुत्र शब्बीर खान ने कहा की इस साल के बरकत रहमत मगफिरत वाले रमजान में काम उम्र के बच्चे रोजा रखने में आगे आरहे है।हबीब खान पडियार, शब्बीर खान पडियार, हाजी सरदार खान पडियार,हाजी रज्जाक खान पडियार,निसार खान, साजिद खान, आसिफ खान पडियार, सरफराज खान, फैयाज खान, आदि ने ख़ुशी जाहिर की।