आईआईएम काशीपुर एफआईईडी के 'कृषि मेले' में 100 से अधिक स्टार्टअप

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काशीपुर। आईआईएम काशीपुर एफआईईडी (फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट) ने देश में एक अनूठे, उत्तिष्ठ 2023 के 7वें संस्करण - वार्षिक उद्यमिता शिखर सम्मेलन का सफ़लता पूर्वक आयोजन किया। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार और नाबार्ड द्वारा समर्थित इस पहल का उद्देश्य स्टार्टअप को उनके बड़े सपनों को साकार करने में सक्षम बनाकर उत्तराखंड के उद्यमी पारिस्थितिकी तंत्र में सामाजिक-आर्थिक मूल्य बढ़ाना है। आईआईएम काशीपुर की इस अनूठी और सफल पहल ने 15 राष्ट्रीय कृषि-स्टार्टअप के लिए 5 करोड़ रुपये के 29 प्रयोजनपत्र को प्राप्त करने में मदद की है। आईआईएम काशीपुर के उत्तिष्ठ 2023 ने भी अपने हितों का आदान-प्रदान करने के लिए 100 से अधिक स्टार्टअप और लगभग 20 निवेशकों की मेजबानी की। उत्तिष्ठ 2023 के अंतर्गत तीन दिवसीय कार्यक्रम में नेशनल बिजनेस प्लान पिचिंग प्रतियोगिता, इन्वेस्टर्स मीट, कृषि मेला और एंटरप्रेन्योर्स कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया।

आईआईएम काशीपुर के निदेशक प्रोफेसर कुलभूषण बलूनी ने कहा, आईआईएम काशीपुर का एफआईईडी प्लेटफॉर्म सही रूप से 'उत्तिष्ठ' के स्तर तक पहुंच गया है। हम राज्य और केंद्र सरकार के समर्थन से उद्यमशीलता को बढ़ावा देकर गृह राज्य में सामाजिक-आर्थिक बदलाव ला रहे हैं। एफआईईडी टीम ने 140 से अधिक स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट किया है और इनमें से लगभग 40 से अधिक स्टार्टअप्स ने 3.2 बिलियन रुपये से अधिक की फंडिंग जुटाई है। इन स्टार्टअप्स ने 1200 से अधिक का प्रत्यक्ष रोजगार भी सृजित किया है और पांच लाख से अधिक किसानों को प्रभावित किया है। हमने उद्यमियों की सही प्रतिभा की पहचान की है और उन्हें सफलता की सीढ़ी चढ़ने में पूरा समर्थन प्रदान किया है।

'नेशनल बिज़नेस प्लान पिचिंग' प्रतियोगिता के अंतर्गत, भारत भर से आये हुए कृषि स्टार्टअप्स के संस्थापकों ने भाग लिया और निवेशकों और उद्योग विशेषज्ञों के सामने अपने बिज़नेस आईडिया प्रस्तुत किए। सभी स्टार्टअप प्रतिभागियों का उत्साह उल्लेखनीय था और प्रमुख हितधारकों के लिए पूरी प्रक्रिया बहुत रोमांचक थी। हिममधु, एआई-एमआरआई, माय पहाड़ी दुकान, द फिटब्रेड, फ्लार, विकल्प हर्बल्स, जीकॉमइंडिया, पहाड़ी हाट, सुपरफार्मर्स और कई अन्य ने शानदार बिजनेस पिचिंग किए, जिन्होंने निवेशकों और अन्य ज्यूरी सदस्यों को प्रभावित किया। पिनकैप, फिटसोल सप्लाई चैन , एचबीऍफ़,जीइसऍफ़ एक्सेलरेटोर्स, ओम्नीवोर और अन्य निवेशक इन स्टार्टअप के बिज़नेस आईडिया और संस्थापकों द्वारा किए गए प्रयासों को देखकर आश्चर्यचकित थे।

एफआईईडी के निदेशक प्रो सफल बत्रा ने कहा, “उत्तिष्ठ के 7वें संस्करण ने कुछ महत्वपूर्ण निवेशकों की दिलचश्पी बढ़ा कर बड़ी छलांग लगाई है। आईआईएम् काशीपुर एफआईईडी ने उत्तराखंड राज्य में इस तरह के मंच की मेजबानी करके राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह बना ली है। हमने अपनी इनक्यूबेटर्स टीम को राज्य के बाहरी और दूर-दराज के स्थानों में भेज कर अद्वितीय व्यावसायिक विचारों वाले उद्यमियों की पहचान करते देखा है जो भारतीय व्यापार के भविष्य का प्रतिनिधित्व करेंगे। अब किसानों की तीसरी पीढ़ी फसल की खेती तक ही सीमित नहीं है बल्कि फ़ूड प्रोसेसिंग और एग्री स्टार्टअप स्थापित करके व्यवसाय का विस्तार कर रही है। सही मानव संसाधन, ब्रांडिंग, निवेशक, बड़े बाजार, मूल्य और पैकेजिंग लाने के लिए सही मंच की सुविधा देकर, हम उन्हें मुख्य धारा के कारोबार से जोड़ रहे हैं।

आईआईएम् काशीपुर एफआईईडी के इनक्यूबेटेड स्टार्टअप्स देश में सफलता की कहानियां बना रहे हैं। बीजक ने 34.1 मिलियन डॉलर, लूपवर्म ने 3.4 मिलियन डॉलर और ग्रीनपॉड लैब्स निवेशकों से 0.54 मिलियन डॉलर जुटाए है। पोल्ट्रीमोन, एनकोष, इन्फ़ीयू लैब्स और कई अन्य ने भी योग्यता के आधार पर और अन्य पंजीकृत स्टार्टअप्स को रास्ता दिखाते हुए फंडिंग जुटाई है।

एंटरप्रेन्योर कॉन्क्लेव और कृषि मेला के उद्घाटन सत्र में प्रतिष्ठित स्टार्टअप गणमान्य मौजूद रहे। सनफॉक्स के संस्थापक रजत जैन; ऑफ़बिज़नेस के सह-संस्थापक नितिन जैन; चाय सुट्टा बार के संस्थापक अनुभव दुबे ने मुख्य भाषण दिया और स्टार्टअप प्रतिभागियों को प्रेरित किया। - 'उत्तराखंड राज्य में स्टार्टअप इकोसिस्टम कैसे बनाई जाए' इस विषय पर एक विचारशील पैनल डिस्कशन ने ओमनिवोर के सुभदीप सान्याल, योरनेस्ट के मोनिका पांडे, एचबीएफ डायरेक्ट के सचिन शेरोन, अल्फावैल्यू के मनीष श्रीवास्तव जैसे बड़े स्टार्टअप संस्थापकों के विभिन्न दृष्टिकोण ने कॉन्क्लेव को और दिलचस्प बना दिया। ।

नाबार्ड के महाप्रबंधक सुनील कौशिक ने एग्री मेला (स्टार्टअप एक्सपो) का उद्घाटन करते हुए कहा, “मैं आईआईएम काशीपुर एफआईईडी को एंटरप्रेन्योर के जज़्बे को बल प्रदान करने के प्रयासों के लिए बधाई देता हूं। कृषि में उद्यमिता निश्चित रूप से देश के आर्थिक विकास के लिए आदर्श बदलाव ला सकती है। नाबार्ड स्टार्टअप्स की मार्केटिंग और ब्रांडिंग के लिए समर्थन करता और उन्हें प्रेरित करने के लिए प्रतिबद्ध है।” साथ ही, प्रभात कुमार, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय; और केवीएस कंपनियों के एमडी देवेंद्र अग्रवाल ने एक्सपो - एग्री मेला के दौरान स्टार्टअप्स द्वारा दिखाए गए उत्साह के प्रति आभार व्यक्त किया।

कई नवोन्मेषी व्यवसायों ने एक्सपो में आने वालों के मन पर प्रभाव डाला। विभिन्न स्टार्टअप्स ने शानदार व्यावसायिक विचार प्रस्तुत किए, जैसे कि बांस के फाइबर से बने कपड़ों की रेंज, गाय के गोबर से बने इंटीरियर डिजाइन के सामान, बांस से बनी क्रॉकरी रेंज, लकड़ी के कचरे से बने खिलौनों की एक श्रृंखला, कृषि क्षेत्रों में कीटनाशक छिड़काव के लिए एक ड्रोन, शहद के कोटिंग वाले सूखे मेवे, जैविक खाद, स्वास्थ्य उत्पाद, हस्तशिल्प और हाथ से बुने हुए सामान, साथ ही कृषि उपज से बनी इम्युनिटी बूस्टर, रीसाइकल्ड फूलों से बनी अगरबत्ती।