भोपाल। मध्य प्रदेश की सियासत के लिए साल 2023 कई मायनों में अहम होने वाला है। नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव, भाजपा-कांग्रेस जैसे दिग्गजों के लिए कुछ नई समस्याएं और चुनौतियां लेकर आ रहा है। प्रदेश में तेजी से उभर रहीं क्षेत्रीय या छोटी पार्टियां, तीसरे दल के रूप में बड़ी चुनौतियां देने को तैयार हैं। साल के अंत में होने वाले प्रदेश के सियासी घमासान में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी के साथ-साथ पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ वरदमूर्ति मिश्र की वास्तविक भारत पार्टी भी दमख़म दिखाने की तैयारी कर रही है। 26 वर्षों से अधिक के प्रशासनिक अनुभव के साथ राजनीति में कदम रखने वाले डॉ वरदमूर्ति मिश्र सभी 230 सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों को उतारने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं।
राज्य प्रशासनिक सेवा के 1996 बैच के डिप्टी कलेक्टर रह चुके, वाभापा संस्थापक व अध्यक्ष डॉ वरदमूर्ति मिश्र ने कहा, "सन 1956 में मध्य प्रदेश के गठन के बाद से, प्रदेश की सेवा करने का मौका सिर्फ दो ही राजनीतिक दलों को मिला है। विगत वर्षों में प्रदेश की प्रगति व उन्नति के लिए कई काम भी हुए हैं, लेकिन अब समय बदलाव का है। अब समय अनुभव के साथ नई सोच और युवा जोश को धरातल पर काम करने की आजादी देने का है, जो नवाचार के साथ-साथ प्रदेश को शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, रोजगार और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में मजबूत बना सकें। हमने हर घर काम पहुंचाने की योजना बनाई है। वाभापा में हम राजनीति के साथ कानून, मीडिया, तकनीक, शासन प्रशासन या सामाजिक आर्थिक मामलों के जानकारों के साथ, जनसेवा से जुड़ रहे हैं, ताकि समाज के विभिन क्षेत्रों और वर्गों को उचित उम्मीदवार के साथ सेवा का अवसर मिल सके।"
जनता के बीच रहकर काम करने वाले अधिकारी की छवि के साथ डॉ वरदमूर्ति मिश्र ने विभिन्न जिलों में टीम गठन करना शुरू कर दिया है। पार्टी हर स्तर पर, साफ सुथरी छवि वाले, पढ़े लिखे प्रतिष्ठित व्यक्तियों को अपने साथ जोड़ रही है। पार्टी नेतृत्व का दावा है कि प्रदेश में सरकार गठन में वास्तविक भारत पार्टी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। चूंकि प्रदेश में सरकार पर कर्ज लगातार बढ़ रहा है। शिक्षित युवा बेरोजगार काम न मिलने से प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं। करोड़ों रुपए से प्रदेश में सरकारी अस्पताल बन रहे हैं लेकिन आधे से अधिक मेडिकल स्टॉफ और डॉक्टरों के पद खाली पड़े हैं। ऐसे अन्य तमाम मुद्दों के साथ पार्टी, प्रदेश की सभी सीटों पर अपनी उम्मीदवारी पेश करने की कवायद में लग गई है।
वाभापा ने 2022 में व्यवस्था परिवर्तन का एक संकल्प लिया और जनता से मिले भरपूर समर्थन ने इस संकल्प को और अधिक मजबूत बना दिया है। पार्टी का मानना है कि 2023 परिवर्तन का वर्ष है और प्रदेश की जनता ने इस बार परिवर्तन का मन पक्का कर लिया है। (PR)