नई दिल्ली। विगत दिवस यूनाइटेड फेडरेशन ऑफ सोशल रिफार्मर्स द्वारा नयी दिल्ली के रफी मार्ग स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में 26/11के मुंबई आतंकी हमले मे शहीद हुए वीर सपूतों की स्मृति में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रख्यात न्यायविदों, कानूनविदों, शिक्षाविदों, समाजसेवियों, पर्यावरणविदों, प्रबुद्ध बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, महिला उत्थान के क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं और नौजवानों की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय थी।
सभा के प्रारंभ में शहीद वीर सपूतों के चित्र पर मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति श्रीमती पिंकी महाजन, न्यायाधीश अनिल यादव, सुप्रीम कोर्ट के विख्यात अधिवक्ता एम. ए. खान, वरिष्ठ पत्रकार, पर्यावरणविद एवं राष्ट्रीय पर्यावरण सुरक्षा समिति के अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र रावत, प्रख्यात समाजसेवी एवं लेखक डा. भरत झा व यूनाइटेड फैडरेशन आफ सोशल रिफार्मर्स के अध्यक्ष मोहसिन खान व मीडिया कोआर्डिनेटर हर्ष कुमार आदि उपस्थित जनों ने पुष्पांजलि अर्पित कर 2 मिनट का मौन रख इन शहीदों के साथ उन 164 बेकसूर नागरिकों को भी याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी जिन्होंने इस हमले में अपनी जान गवाईं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति श्रीमती पिंकी महाजन ने न्यायाधीश अनिल यादव, प्रख्यात पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत, अग्नि शमन दल के उप प्रमुख धर्मपाल भारद्वाज, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एम. ए. खान को पटका पहनाकर "हमारा संविधान -हमारा अभिमान पुरस्कार" से सम्मानित किया।
अपने सम्बोधन में न्यायमूर्ति श्रीमती पिंकी महाजन ने शहीदों के बलिदान का स्मरण करते हुए और अपने जीवन में आतंकी घटनाओं से जुड़े मुकदमों की चर्चा करते हुए कहा कि आज हम सभी को सदैव जागरुक रहने की बेहद जरूरत है। होना तो यह चाहिए कि आतंकवाद के खिलाफ पुलिस और फोर्स का साथ देकर हमें उनका मनोबल बढ़ाना चहिए। यही हमारा राष्ट्र धर्म है। ऐसा कर हम सच्चे भारतीय होने का दायित्व निर्वहन कर सकते हैं। इस अवसर पर अग्निशमन दल के उप प्रमुख धर्मपाल भारद्वाज, न्यायाधीश अनिल यादव, वरिष्ठ अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट एम.ए. खान ने अपने सम्बोधन में देश की रक्षा में सेनाओं, पुलिस बल व अर्ध सैनिक बलों की महत्ता का सिलसिलेवार वर्णन किया और कहा कि इनका बलिदान सदैव हमारे सबके लिए प्रेरणादायक है। इसलिए भी कि यह हैं तो हम हैं।
अंत में वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रख्यात पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत ने कहा कि आज संविधान दिवस है। इसकी भावना, इसके उद्देश्यों की रक्षा और उसके अनुरूप आचरण ही सच्चे भारतीय होने की गर्वोक्ति का भान कराती है। यह हमारे लिए कम गर्व की बात नहीं है कि वह चाहे 1857 का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम हो, जिसमें किसान- अभिजात्य वर्ग, मजदूर और महारानी लक्ष्मीबाई, बेगम हजरत महल, नाना साहब, तात्यां टोपे, वीर कुंजर सिंह, बहादुरशाह जफर की भूमिका, आजादी का आंदोलन हो जिसमें कांग्रेस, क्रांतिकारी आंदोलन जिसमें सरदार भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद, गणेश शंकर विद्यार्थी, सरदार ऊधम सिंह, अशफाक उल्लाह खान, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल आदि असंख्य नौजवानों के बलिदान, भारत छोडो़ आंदोलन हो या तिरंगे को बरतानिया हुकूमत की रेजीडेंसियों पर फहराने की चाह लेकर 8 से 14 साल के अनाम वीर बालक हों जो बरतानी सैनिकों की गोलियों के शिकार हुए और देश की आजादी के लिए शहीद हो गये, जिनकी बदौलत हमें यह आजादी मिली, आज उनको याद करने का भी दिन है। क्या हम भारत मां के उन वीर बलिदानी सपूतों के त्याग और मां भारती की रक्षा के लिए किए उनके आत्मोत्सर्ग को भूल सकते हैं और न 26/11 के मुंबई आतंकी हमले में शहीद उन रणबांकुरों को भूल सकते हैं जिन्होंने अपनी जान की परवाह न कर आतंकियों के मंसूबों को नाकाम किया। उन्हीं की बदौलत हम चैन की सांस लेते हैं, ज़िंदा हैं। भारत का इतिहास वीरों का है, हमें उस पर और उन वीरों के अप्रतिम बलिदान पर गर्व करना चाहिए।
आज हम अपने संविधान जो हमारी आजादी का, हमारे जीवन की रक्षा का अहम दस्तावेज है, उसकी रक्षा का संकल्प लें, यही इस दिवस का पाथेय है। इसके साथ यूनाइटेड फेडरेशन ऑफ सोशल रिफार्म नामक संस्था, इसके अध्यक्ष भाई मोहसिन खान, संरक्षक डा. भरत झा व अनूप चावला सहित सभी सहयोगी इस आयोजन के लिए साधुवाद के पात्र हैं। मैं उन सभी को बधाई देता हूं कि उन्होंने इस पुनीत कार्य को करने का बीड़ा उठाया। अंत में सभी उपस्थित जनों द्वारा मानव श्रंखला बना कर ये संकल्प लिया कि राष्ट्रीय एकता हेतु जन जन को जोड़ कर आतंकवाद के विरुद्ध पुलिस और फोर्स के साथ खड़े रहेंगे।
संस्था के अध्यक्ष मोहसिन खान ने सभी उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया और आश्वस्त किया कि राष्ट्र के लोगों एकता-अखंडता हेतु जागरूक करना फेडरेशन की प्राथमिकता रहेगी। सभा का संचालन डा भरत झा ने किया। समारोह में लोकनायक जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन विकास केन्द्र के महासचिव अभय सिन्हा, राजीव जौली खोसला, पूर्णिमा आनंद एडवोकेट, डा. हफीज आलम, माही सिंह, हरदीप सिंह, राजेश सिन्हा, रणबीर सिंह लैैशराम, हरमीत सिंह, रसिका लायल, अमित वर्मा, गजेंद्र पवार, जसविंदर कौर माही, हर्ष कुमार, अरूण कौशल सहित काफी संख्या में समाजसेवी, बुद्धिजीवियों, नौजवानों की उपस्थिति आकर्षण का केंद्र रही।