नगरपालिका की कोताही फिर आई सामने, पार्षद और लोगों की शिकायत को किया था दरकिनार
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील (जयपुर)। जैसाकि हमने गत दिनों हमने प्रकाशित किया था सांभर में पुरानी हवेलियां कभी भी गिर सकती हैं, वे जर्जर हो चुकी हैं। अंतत: स्थानीय वार्ड नंबर 22 में कॉलानियों की गली स्थित शनिवार सुबह तेज बारिश के कारण दो जगहों से अचानक भरभरा कर जर्जर हवेलियां गिर गई। इनमें से सतीश कालानी की जर्जर हवेली का एक हिस्सा पास स्थित रामअवतार सेन के मकान पर गिरने से मकान को काफी नुकसान पहुंचा, इससे मकान में दरारें आ गई और छत की दीवार भी टूट गई। इसी प्रकार सुबह चारभुजा गली के पास मोतीराम शर्मा के मकान के सामने स्थित प्यारे मोहन माथुर की हवेली का एक हिस्सा गिरने से रास्ता जाम हो गया।
पार्षद ज्योति कुमावत व टीकमचंद कुमावत ने बताया कि गनीमत यह रही कुछ मिनट पहले ही छोटे बच्चे उस गली से निकले थे नहीं तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था। इसी वार्ड में अभी दो हवेलियां ऐसी बताई जा रही है जो कभी भी गिर कर बड़े हादसे की शक्ल ले सकती है। यह बताना जरूरी है की वार्ड 22 की इन जर्जर हवेलियों को गिराने के लिए यहां की पार्षद व लोगों की ओर से पिछले 1 साल से ज्यादा समय से लगातार अनुरोध किया जाता रहा है। पालिका प्रशासन की लापरवाही इस कदर बनी हुई है की इस गंभीर शिकायत को भी दरकिनार करते हुए पालिका प्रशासन आज भी आंख मूंदे बैठा है। बताया जा रहा है कि नगरपालिका संसाधनों और बजट का अभाव का बहाना बनाकर इस काम में टालमटोल कर रहा है।
हालांकि एक दफा नगरपालिका ने औपचारिकता के नाते यहां की दो पुरानी बिल्डिंग पर नोटिस तो चस्पा किया था लेकिन उस पर कोई कार्रवाई अपने स्तर पर संपादित नहीं की। ऐसे भवन के मालिकों की ओर से भी इस संबंध में पालिका को कोई उत्तर नहीं दिया गया। बता दें कि कि वार्ड 22 के अलावा अन्य कुछ वार्डों में भी ऐसे पुराने कई भवन है जो काफी जीर्णशीर्ण होकर भयावह स्थिति में खड़े हैं। इस मामले में हमारे द्वारा खबर प्रकाशित कर मामले को सामने लाया गया था, पालिका ने अपनी आफत झाड़ने के लिए उस वक्त थोड़ा बहुत बिल्डिंग का मटेरियल जरूर हटवाया था, भवनों को गिराने के लिए नगर पालिका अधिनियम में व्याप्त शक्तियों का कोई उपयोग नहीं किया जिसका नतीजा इन पुरानी बिल्डिंग़ों का अपने आप गिरना सामने आ रहा है जो कभी भी गंभीर हादसे का कारण बन सकता है।