सुपर मैन और चीनी मांझा

लेखक : रमेश जोशी 

(वरिष्ठ व्यंग्यकार, लेखक)

सीकर (राजस्थान) मोबाइल : 9460155700 

प्रधान सम्पादक, 'विश्वा', अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति, यू.एस.ए.

www.daylife.page

हमारे इलाके में माइनस तीन तक पहुँचने के बाद तीन चार दिन से थोड़ी राहत मिली थी कि फिर मौसम विभाग ने चेतावनी दे दी- अगले चार दिनों तक राजस्थान के उत्तरी पूर्वी जिलों में बरिश की संभावना है। ऐसे में एडवांस में ही मानसिक तैयारी के बतौर 'बरामदा संसद' का शीतकालीन अधिवेशन 'सेन्ट्रल विष्ठा' की बजाय बंद कमरे में ही करने का निश्चय करके रजाई में मुंह छुपाये हुए लेटे थे कि बरामदे में किसी के हांफने की सी फूं-फां सुनाई दी। निकल कर देखा तो बरामदे में तोताराम दो ईंटें रखे हुए निक्कर और टी शर्ट में 'पुश अप्स' कर रहा था। 

हमने कहा- भई, तुझे कौन पुतिन की तरह नंगे बदन घुड़सवारी करते हुए फोटो छपवाकर जनता को प्रभावित करके चुनाव जीतना है। ठण्ड खाकर मर गया तो डॉक्टर यह भी नहीं बता पायेंगे कि कोरोना के किस वेरिएंट से प्राणांत हो गया। मुआवजा मिलना तो बहुत दूर की बात है। 

बोला- अभी तो नया साल शुरू हुआ है, जनता पूरी तरह से नेताओं द्वारा दिए गए शुभकामना संदेशों को पूरा चाट भी नहीं पाई है और तू मरने की बात ले बैठा।  तुझे क्या पता इस समय देश को फिटनेस की कितनी ज़रूरत है। उधर चीन पेगोंग झील के आसपास कुछ पुल-सुल का चक्कर है, तो गलवान में अपना झंडा लहरा रहा है। हालांकि देश भक्त कह रहे है कि यह कांग्रेस का वाइरल किया गया फेक फोटो है तो कुछ रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह पूरी तरह झूठ नहीं है। कुछ दिन पहले खबर थी कि चीन ने अरुणांचल के कुछ गांवों के नाम बदलकर चीनी में कर दिए हैं। 

हमने कहा- नाम की चिंता मत कर। उसके लिए तो अपने योगी जी हैं। जब, जिसका कहेगा नाम बदल देंगे. उत्तर प्रदेश का एक आदमी अपनी ससुराल गया।  जैसा कि गाँव वालों की आदत होती है, किसी भी नए आदमी को देखकर पूछ लेते हैं- कौन गाँव के हो ? जब उस आदमी से पूछा गया तो बोला- जी, जब घर से चला था तो अलीगढ़ का था, अब का पता नहीं. गाँव वाले बोले- तो अब कोई पूछे तो हरिगढ़ का बताना। 

एक ही झटके में चीन को गोरखपुर बना देंगे। फिर करता फिरेगा त्राहि-त्राहि। जिन पिंग का नाम जयसिंह कर देंगे तो मुश्किल हो जायेगी। दुनिया तो दुनिया, उसके देश में ही लोग नहीं पहचानेंगे। 

हाँ! गलवान वाला मामला सीरियस है।  

बोला- वैसे जनरल बख्शी ने कहा है कि किसी आशंका को सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता, फिर भी मेरे अनुसार मामला इतना भी सीरियस नहीं है जितना विपक्ष प्रचारित कर रहा है। और फिर समाचार मिलते ही मोदी जी ने कल ही मेरठ में खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास करते हुए एक जिम में हैण्ड पम्प चलाने जैसी कसरत 15 बार करके दिखा दी। शीघ्र ही जब सीना 56 से 60 हो जाएगा तो उसे दिखाकर चीन को भगा देंगे। 

हमने कहा- पर इसमें कुछ तो टाइम लगेगा कि नहीं, तब तक ?

बोला- चिंता की कोई बात नहीं है। चीन को कौनसी गलवान में खेती करनी है। यह तो समय-समय पर भारत को डराकर दो पैसे की कमाई का धंधा कर लेता है. पांच साल में किसानों की आय तो दोगुना हुई कि नहीं लेकिन भारत को चीन का निर्यात दो गुना ज़रूर हो गया है। बस, कमाई करवाते रहो तो फिर कोई कुछ नहीं बोलेगा. सभी ताकतवर देशों का यही हाल है। कमजोरों को डराकर सामान, हथियार बेचना। 

हमने कहा- फिर भी तोताराम, तैयारी में कोई कमी नहीं रखनी चाहिए। 

बोला- बिलकुल। इसीलिए तो मैं देश रक्षा के लिए फिटफाट रहने के लिए 'वर्क आउट' कर रहा था।   

हमने कहा- फिर भी इतना 'वर्क आउट' मत करना कि आउट ही हो जाए। मोदी जी की बात और है। वे बाल  ब्रह्मचारी और सुपर मैन तो पहले से ही थे अब तो 'सुपर ह्यूमन' बनना है। नाल घोड़ों के ही ठुकती है, मेंढ़कियों को नहीं।

बुरा मत मानना, जो देश चीनी मंझे में उलझकर गरदनें कटवाने से ही खुद को नहीं बचा पा रहा हो, उससे कितनी उम्मीद की जाए। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार को व्यंग्यशैली में लिखने का अपना अंदाज़ है)