विपिन रावत, उनकी पत्नी और सेना के 11 जांबाज अधिकारियों का बलिदान अविस्मरणीय रहेगा : ज्ञानेन्द्र रावत

यमुना मिशन के संस्थापक प्रदीप बंसल ज्ञानेन्द्र रावत को मिशन की विवरणिका भेंट करते हुए।






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नयी दिल्ली। आज देश के प्रथम चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित सशस्त्र सेनाओं के जांबाज 11 सेनाधिकारियों की बीते दिनों हुई हैलीकाप्टर दुर्घटना में असामयिक मृत्यु होने पर उनकी स्मृति में आई टी ओ स्थित यमुना किनारे छठ घाट पर भारतीयम, यमुना मिशन, रोटरी क्लब के तत्वावधान व नदी पुत्र के नाम से विख्यात नदी रत्न सम्मान से सम्मानित भाई अशोक उपाध्याय के संयोजकत्व में श्रृद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। सभा में  सर्व प्रथम पुरोहितों, आयोजन के सूत्रधार अशोक उपाध्याय, वृन्दावन के बाबा गोपाल कृष्ण दास, बाबा रस राज दास व हिमाचल से आये बाबा शिवा शंकर दास, यमुना मिशन के संस्थापक प्रदीप बंसल, भारतीयम के संस्थापक श्रीनिवास कोटनी, महासचिव अनिल गुप्ता, गृह मंत्रालय की राजभाषा समिति की निदेशक मंजुला सक्सैना, रोटरी क्लब अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी, सेवा भारती प्रमुख सुखदेव भारद्वाज, जनपथ मार्केट समिति के दीपक गुप्ता व नीरज कुमार तथा दिल्ली प्रदेश संयोजक सुशील उपाध्याय सहित उपस्थित सैकडो़ं स्वंय सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों,समाज सेवियों, प्रशासनिक अधिकारियों, पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने दिवंगत हुतात्माओं की शांति हेतु प्रार्थना की व उसके उपरांत जनरल रावत के चित्र पर श्रृद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें अपनी श्रृद्धांजलि अर्पित की।

इस दौरान बाबा गोपेश कृष्ण दास, बाबा शिवा शंकर दास, बाबा रस राज दास व देवेन्द्र शर्मा ने दिवंगत आत्माओं को श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इतिहास में उनका ही नाम दर्ज होता है जो जीवन में ऐसा कार्य कर जाते हैं जिसकी मिसाल अन्यत्र कहीं नहीं मिलती। राष्ट्र सदैव उनका ही ऋणी रहता है जो राष्ट्र रक्षा में खुद को होम कर देते हैं। प्रकृति प्रेमियों की मां यमुना के तट पर उपस्थिति यह प्रमाण है कि यमुना के जीवन के प्रति वह कितने चिंतित हैं। यमुना मिशन के भगीरथ प्रयास की सराहना करते हुए सभी वक्ताओं ने कहा कि आज के इस अवसर पर हम सभी संकल्प लें कि प्रकृति की रक्षा की दिशा में कोई कोर कसर नहीं रखेंगे।

उसके उपरांत रोटरी क्लब अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी ने दुनिया के 108 देशों में रोटरी इंटरनेशनल की पर्यावरण, चिकित्सा और पोलियो के उन्मूलन हेतु सेवाओं की चर्चा करते हुए कहा कि दिवंगत शूरवीरों को सच्ची श्रृद्धांजलि यह होगी कि हम देश और समाज के कल्याण हेतु समर्पित भाव से जुट जायें। सेवा भारती के सुखदेव भारद्वाज ने कोरोना काल में की गयी सेवाओं की चर्चा करते हुए कहा कि जीवन की सार्थकता तभी संभव है जब हम देश और समाज की सेवा में सदैव तत्पर रहें। सुशील भारद्वाज ने श्रृद्धांजलि देते हुए कहा कि यमुना तट पर यह श्रृद्धांजलि सभा तभी सार्थक होगी जब हम पर्यावरण रक्षा का संकल्प लें और समाज को इस हेतु जागरूक करें जिसकी आज बेहद जरूरत है।

यमुना मिशन के संस्थापक प्रदीप बंसल ने मिशन के उद्देश्य व क्रियाकलापों का विवरण देते हुए कहा कि जिस तरह हमने मथुरा में यमुना की शुद्धि हेतु कार्य कर सफलता अर्जित की है, उसी भांति दिल्ली में यमुना को स्वच्छ और निर्मल देखना चाहते हैं। हमें आशा ही नहीं वरन् पूर्ण विश्वास है कि आप सभी के सहयोग-समर्थन के बलबूते भविष्य में इसमें भी हम कामयाब होंगे। दिल्ली में यमुना तीरे इस छठ घाट में हुए बदलाव का श्रेय भाई अशोक भारद्वाज जी को जाता है, इसके लिए उनकी जितनी भी प्रशंसा की जाये वह कम है। आज की श्रृद्धांजलि सभा की सार्थकता तभी है जबकि हम यहां यमुना को अविरल, स्वच्छ और निर्मल बनाने हेतु जी जान से जुट जायें और इस तट को सुंदर व हराभरा बनाकर मिसाल पेश करें। यही मां यमुना की सच्ची सेवा होगी।

दुनिया के प्रख्यात पर्यावरणविद पद्मविभूषण आदरणीय सुंदर लाल बहुगुणा और मां गंगा की अविरलता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले आई आई टी कानपुर के विभागाध्यक्ष रहे प्रख्यात जल वैज्ञानिक प्रो० जी.डी.अग्रवाल को अपना आदर्श मानने वाले वरिष्ठ पत्रकार, लेखक एवं पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत ने कहा कि आज का दिन वास्तव में महान है। आज के ही दिन बरतानिया हुकूमत से देश की आजादी की खातिर पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान और ठाकुर रोशन सिंह फांसी के फंदे पर झूल गये थे। आज ही हम यमुना तट पर देश के महावीर, अप्रतिम सेनानी सी डी एस जनरल विपिन रावत, उनकी धर्मपत्नी मधुलिका रावत सहित सशस्त्र सेनाओं के 11 जांबाज शीर्ष सेनाधिकारियों को जिन्होंने अपने सेवाकाल के दौरान असंख्य कीर्तिमान स्थापित किये, उनको श्रृद्धांजलि अर्पित करने इकट्ठा हुए हैं। हमें उन पर गर्व है कि वे युद्ध क्षेत्र में भी लडे़ तो शान से लडे़ और अंत समय में भी उन्होंने मृत्यु का वरण शान से किया। उनका बलिदान अविस्मयणीय है और देश के इतिहास में उनका नाम स्वर्णाच्छरों में लिखा जायेगा। उनको सच्ची श्रृद्धांजलि यही होगी कि हम धर्म, जाति के आपसी मतभेद भुलाकर देश की रक्षा हेतु अपना सर्वस्व बलिदान देने का संकल्प लें।

श्रृद्धांजलि सभा के अंत में जनरल रावत, उनकी धर्मपत्नी और ग्यारह जांबाज सेनाधिकारियों की स्मृति में वृक्षारोपण व दीपदान किया गया तथा यमुना आरती की गयी। यमुना आरती के उपरांत अशोक उपाध्याय, श्रीनिवास कोटनी व प्रदीप बंसल ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर भाई अशोक उपाध्याय के परिजनों, मित्रों, पर्यावरण व जल संरक्षण कार्यकर्ताओं, वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद द्विवेदी, 100 करोड़ ट्री अभियान के राजीव कुमार, अवधेश तिवारी, रमेश कुमार, पर्यावरण प्रेमी आशीष शर्मा, अर्चना द्विवेदी, अनिल महाशय, सुकेत सेठ, अनिल कुमार शर्मा सहित सैकडो़ं स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों, समाजसेवियों की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय थी।