साइना के प्रीमियर के साथ, 9 अक्टूबर को
मुंबई। साइना नेहवाल, ओलंपिक में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। एक युवा आइकॉन जिसने सपने देखने वाले युवाओं को अपने सपने पूरे करने के लिए प्रेरित किया। ‘ज़िद जीत की’ की भावना जगाने वाले अपने जुनून, पक्के इरादों और कड़ी मेहनत के साथ वो बैडमिंटन की दुनिया के शिखर पर पहुंचीं। हमारी इस चैंपियन का जश्न मनाते हुए, एंड पिक्चर्स 9 अक्टूबर को रात 9:30 बजे साइना के प्रीमियर के साथ उनकी कहानी दिखाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। ये फिल्म उन लोगों को भी समर्पित है, जिन्होंने उनके लचीलेपन और अटूट हौसले में सबसे ज्यादा योगदान दिया। अमोल गुप्ते के निर्देशन में बनी इस फिल्म में परिणीति चोपड़ा, मानव कौल और मेघना मलिक जैसे बढ़िया टैलेंट हैं। ये फिल्म आपको एक ऐसे चैंपियन के रोमांचक सफर पर ले जाएगी, जिसने पूरे देश को प्रेरित किया और सशक्त बनाया।
अपने सफर के बारे में बताते हुए साइना नेहवाल ने कहा, मैंने अपने सपनों को कभी नहीं छोड़ा। इससे मुझे जीवन में कुछ गहरी बातें सीखने को मिलीं। अगर आप खुद पर पूरी तरह से विश्वास करते हैं, तो बाकी सभी को भी आप पर भरोसा होने लगता है। यह कुछ ऐसा है, जो आपके लक्ष्य प्राप्त करने में वाकई आपकी मदद कर सकता है। मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे अपनी ज़िंदगी के अलग-अलग मोड़ पर लोगों का समर्थन मिला, जो मेरी प्रेरणा के स्रोत बने। अमोल गुप्ते ने जिस तरह से इस खूबी को कहानी में पिरोया है, वह बहुत विश्वसनीय है और परिणीति ने भी उनके नजरिए को बड़ी खूबसूरती से दर्शाया है। मैं भी हजारों युवा और स्वप्निल आंखों के साथ ये फिल्म देखने के लिए उत्सुक हूं।
अपना अनुभव बताते हुए परिणीति चोपड़ा ने कहा, साइना मेरे करियर की अब तक की सबसे चुनौतीपूर्ण और रोमांचक फिल्म है। साइना की सादगी और दृढ़ संकल्प ने मुझे अपने लक्ष्यों के प्रति ज्यादा सचेत और सख्त होने के लिए प्रोत्साहित किया। "मैं मार दूंगी" मेरा मोटो (आदर्श वाक्य) बन गया है, शब्दों में नहीं बल्कि इस तरह से कि मैं जो कुछ भी करूं, उसमें फुल-ऑन रहूं। दिलचस्प बात यह है कि अपने विचारों के मामले में मैं साइना से काफी मिलती-जुलती हूं। इस रोल की तैयारी करते समय, मैं साइना की तरह अभिनय नहीं करना चाहती थी, बल्कि मैं साइना बनना चाहता थी, और मुझे खुशी है कि यह पर्दे पर साफ नज़र आया। &पिक्चर्स पर साइना के प्रीमियर के लिए मेरे साथ शामिल हो जाएं और एक शानदार वीकेंड का लुत्फ उठाएं।
इस फिल्म के बारे में बात करते हुए अमोल गुप्ते ने कहा, मैंने साइना के सफर को बहुत बारीकी से देखा और महसूस किया है कि यह एक बताने लायक कहानी है। ये सभी सपने देखने वालों के लिए एक ऐसी कहानी है जो आपके सामने एक मिसाल पेश करती है और आपको उठकर आगे बढ़ने और वो करने के लिए प्रेरित करती है जो आप हमेशा से करना चाहते थे, भले ही चीजें कितनी ही मुश्किल क्यों ना हों। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे साइना के अटूट हौसले की इतनी करीबी झलक मिली। यह वाकई मेरे दिल को छू गया कि मैं उनके परिवार को जानता हूं, जो अपने प्यार और परवाह के साथ हर कदम पर उनके साथ रहे। एक चैंपियन बनने के लिए बहुत कुछ लगता है, और ये फिल्म इस बात को पूरी विश्वसनीयता के साथ दिखाने का मेरा प्रयास है। मुझे उम्मीद है कि दर्शक फिल्म का मजा लेंगे और इससे जुड़ेंगे।
साइना एक छोटे शहर की लड़की के सपनों को दर्शाती एक बायोपिक है, जिसने बैडमिंटन की दुनिया को जीत लिया और पूरे देश का गौरव बन गई। यह उनके परिवार, कोच और दोस्तों समेत उनके पूरे सपोर्ट सिस्टम पर भी रोशनी डालती है, जिसने उनके सपनों को हकीकत में बदल दिया।