सांभर के रैगर मौहल्ला में बच्चों पढाती कृष्णा सकरवाल |
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सांभरझील। स्कूलो में पढने वाले आर्थिक दृष्टि से कमजोर बच्चों को नि:शुल्क कोचिंग की शुरूआत कर रैगर मौहल्ला निवासी कृष्णा सकरवाल ने इसके लिये खास बीड़ा उठाया है, इसके लिये उनकी ओर से मौहल्ले में घर घर जाकर ऐसे बच्चों का पता लगाया जो गरीब है लेकिन वे कोचिंग में जाकर पढ़ने में असमर्थ है, ऐसे बच्चो के अभिभावकों को दर्द को समझते हुये उन्होंने घर में शाम को रोजाना दो घण्टे ऐसे बच्चों को कोचिंग पढ़ाने का संकल्प लेकर न वरन समाज में अपना अलग से संदेश दिया है, बल्कि उन बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुये पढाई के साथ उनमें बेहतर संस्कार डालने के लिये भी रोचक विषयों को शामिल किया है, ताकि वे बच्चे अपनी पुस्तकों से ज्ञानअर्जन के अलावा रूटिन की उन बातों को भी अपने जीवन में आत्मसात कर सके जिससे वे आगे चलकर और संस्कारित बने सके।
अल्प समय की अवधि में उनकी शुरू की गयी इस मुहिम से साठ से अधिक बच्चें जुड़कर नि:शुल्क कोचिंग में आ रहे है। इस बारे में जब उनसे बात की गयी तो उनका कहना है कि शिक्षा का सबको समान अधिकार मिले यह मेरी शुरू से ही मंशा रही है, लेकिन शिक्षा से कोई वंचित नहीं रहना चाहिये। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन व गोपाल कृष्ण गोखले को मैं अपना आदर्श मानती हूं। मैं खुद सामान्य परिवार से हूं इसलिये ऐसे बच्चों के दर्द को भी समझती हूं। मेरी ओर से कक्षा सातवीं तक के बच्चों को अभी फिलहाल पढाया जा रहा है।