फैडरेशन की सकरात्मक हल नहीं निकलने पर आन्दोलन की चेतावनी

राजस्थान नगरपालिका कर्मचारी फैडरेशन की लम्बित मांग पत्रों पर समाधान की मांग

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

सांभरझील। राजस्थान नगरपालिका कर्मचारी फैडरेशन की ओर से प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की गयी है कि नगरीय विकास एवं स्थानीय निकायों के मद में विधानसभा में की गयी घोषणाएं  नगरपालिकाओं को वित्तीय सहायता देकर आर्थिक सम्बल दिये जाने के स्थान पर जिम स्थापित करने, डेयरी बूथों का कोटा पूरा करने, जयपुर की चारदीवारी के भीतर पचास करोड की लागत से सीवर लाईन डालने, दो निकायों में रिवर फंण्ट व दो में सिटी नेचर पार्क बनाये जाने तक सीमित रहने पर राजस्थान नगरपालिका कर्मचारी फेडरेशन ने आश्चर्य व्यक्त किया है और बजट सत्र के पूर्व से विचाराधीन कर्मचारियों व निकायों के हितों से संबंधित फेडरेशन के सुझाव पत्र की अनदेखी का आरोप लगाया है। 

फेडरेशन के प्रदेशाध्यक्ष भागचन्द श्रीमाल व संयोजक किशोर अग्रवाल ने सरकार से आग्रह किया है कि प्रदेश की स्थानीय निकायों में कर्मचारियों के मासिक वेतन भुगतान में अब चूंगी क्षतिपूर्ति राशि अपर्याप्त हो गयी है और इस कारण वेतन का भुगतान किया जाना संभव नहीं हो पा रहा है। इसके समाधान के लिये इस राशि को कर्मचारी वेतन भुगतान के बराबर किये जाने का विशेष प्रस्ताव लाकर पारित करवाने की जरूरत है। नगरपालिका सांभर के लेखाकार व प्रान्तीय संगठन सचिव गोपाल सिंह पंवार ने बताया कि सामाजिक सुरक्षा मद सफाईकर्मी वाल्मिकी समाज के बच्चों व युवाओं को शिक्षा व रोजगार हेतु उचित अवसर दिये जाने के लिये सरकार को बीस करोड़ के वाल्मिकी कोष की घोषणा का फेडरेशन की ओर से स्वागत किया गया है, परन्तु यह आशंका जतायी है कि पूर्व की नेहरू रोजगार योजना व स्वर्ण जयन्ती शहरी रोजगार योजना की तरह कहीं यह भी खानापूर्ति की भेंट नहीं चढ जाये। 

फेडरेशन ने स्वायत्त शासन विभाग व राज्य सरकार को चेताया है कि वह पालिका कर्मियों के सब्र की परीक्षा ना ले और कर्मचारी संगठनों के लम्बित मांग पत्रों पर शीघ्र सकारात्मक निर्णय करें, अन्यथा नगरपालिकाओं की खराब होती जा रही आर्थिक स्थिति में सुधार करने, पेंशन की पूर्व स्थिति यथावत रखने, सेवानिवृत्त पालिका कार्मिकों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने आदि को लेकर पालिका कर्मचारियों को एकजुट होकर आन्दोलन करने पर विवश होना पड़ेगा।