इलाहाबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति का बयान हिन्दू धर्मशास्त्रों के खिलाफ

लेखक : डा. रक्षपाल सिंह

(लेखक डा. रक्षपाल सिंह पूर्व डा. बीआर अम्बेडकर विश्विद्यालय आगरा शिक्षक संघ के अध्यक्ष एवं प्रख्यात शिक्षाविद हैं)

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अलीगढ़ । इलाहाबाद केन्द्रीय विश्व विद्यालय की कुलपति श्रीमती डा. संगीता श्रीवास्तव के बयान कहें या जिलाधिकारी से की गयी शिकायत कि प्रात: 5.30 बजे होने वाली अजान से उनकी नींद में खलल पड़ता है के सन्दर्भ में मेरा कहना है कि उनकी शिकायत यह स्पष्ट संकेत देती है कि वह इतनी विद्वान होते हुए एवं कुलपति जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए भी ब्रह्म मुहूर्त में न जागकर सूर्योदय तक जाग नहीं पाती। उनको यह तो पता ही है कि हिन्दू धर्म शास्त्रों में भी सभी स्वस्थ लोगों को ब्रह्म मुहूर्त अर्थात प्रात: 4.24 बजे से 5.12 बजे के बीच जग जाने हेतु निर्देशित किया गया है। 

प्रात: 5.30 बजे पर होने वाली अजान का तो हिन्दू धर्मावलम्बियों को उन्हें उचित समय पर जगाने के लिये विरोध की जगह स्वागत ही करना चाहिए । जब देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मात्र 4 घन्टे सोकर ब्रह्म मुहूर्त में जाग जाते हैं तो विश्विद्यालय की कुलपति होने के नाते उनको भी प्रधानमंत्री से शिक्षा ग्रहण कर अपने  ख्याति प्राप्त इलाहाबाद विश्विद्यालय के विद्यार्थियों के लिये प्रेरणास्रोत बनना चाहिये। वह इस तथ्य से भी अवगत होंगी ही कि हिन्दुओं के देवी जागरण, अखंड रामायण आदि जैसे धार्मिक कार्यक्रम रात में ही संपन्न होते हैं। ऐसी स्थिति में उनकी ऐसी शिकायतों/बयानों से दोनों धर्म के अनुयायियों का विरोध झेलने के लिये अपने को तैयार करना होगा।                                     

एक सेवानिवृत शिक्षक एवं सीनियर सिटीजन होने के नाते उनसे मेरा अनुरोध है कि ऐसे विवादास्पद शिकायतों/बयानों से उनको बचना चाहिये और बेहतर होगा कि वह ब्रह्म मुहूर्त में जगने की आदत डालने हेतु प्रयास करें जो सभी के लिये श्रेयष्कर होता है और ऐसा करने से आपके विद्यार्थीगण भी आपसे प्रेरणा ग्रहण कर ब्रह्म मुहूर्त में जागने लगेंगे। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)