हजारों जायरीनों ने चूमी चौखट, मुरादों की झौलियां भरकर लौटे
सांभर से शैलेश माथुर
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सांभरझील। सूफी सन्त ख्वाजा गरीब नवाज अजमेरी के पोते व हिन्दू मुस्लिम एकता और सौहार्द के प्रतीक माने जाने वाले हजरत ख्वाजा हुसामुद्दीन चिश्ती जिगर सोख्ता रहमतुल्लाह अलेह का 702 वां उर्स शनिवार को कुल की रस्म के साथ सम्पन्न हुआ। दौरान उर्स देश के कोने कोने से हजारों की संख्या में जायरीन अकीदत मंद हाजिर होकर अपनी मुरादों की झोलियां भरकर वापस लौटे। सत्तापक्ष के वरिष्ठ कांग्रेस नेता विद्याधर सिंह चौधरी अपनी टीम के साथ पहुंचकर ख्वाजा की चौखट चूमी तथा अकीदत के फूल पेश किये। दरगाह खादिम हाजी सैय्यद अलताफ अहमद की ओर से आने वाले सभी जायरीनों को जियारत करवायी गयी।
शनिवार को ही दरगाह दीवान जैनुल आबेदीन की सदारत में महफिले कव्वाली का आयोजन भी हुआ और कुल की रस्म अदा की गयी। दरगाह कमेटी के सचिव मुज्जफर रहमान ने बताया कि चार दिनों तक उर्स शानोशौकत के साथ मनाया गया। अंजुमन हुसामियां इस्लामियां दरगाह कमेटी के सदर नदीम खान व उपाध्यक्ष अब्दुल रशीद खान ने सभी जायरीनों व उर्स में सेवादेने वालों का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया गया। पूर्व सदर अब्दुल हमीर कादिर ने उर्स की मुबारकबाद देते हुये ख्वाजा साहब से अमन चैन के साथ सभी तरक्की के लिये दुआयें मांगी। सही लिखा किसी ने खुदा के फजल से महरूम फिरता ही नहीं कोई, मुरादे मिलती है ख्वाजा हुसामुद्दीन की दर से।
सांभर में ख्वाजा साहब के दरबार में दरगाह दीवान ने परपम्परागत रस्में निभाई।