बेधड़क गुड़िया के बेधड़क अवतार

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मुम्बई। एक एक्टर की क्षमता केवल इस बात से साबित नहीं होती कि वह अपना किरदार बेहतर तरीके से निभा पाता है, बल्कि उसकी विविधता तो इस बात से नज़र आती है कि उसे जो भी भूमिका मिले वह उसे उतनी ही अच्छी तरह निभा पाये। ऐसा ही कुछ है हमारी गुड़िया यानी एण्डटीवी के ‘गुड़िया हमारी सभी पे भारी’ की सारिका बहरोलिया के साथ। उन्होंने इस काम को बखूबी कर दिखाया है। हमारी अपनी बेधड़क और मनमौजी गुड़िया ने 2019 में इस शो की शुरूआत से ही काफी सारे अवतार धारण किये है और बतौर एक्टर उन्होंने अपने कई रूप हमें दिखाये हैं। 

कई सारे रूप धारण करना चुनौतीपूर्ण तो है, लेकिन सारिका उसे सरल बना देती हैं। बंदिरया, दुर्गा मां की पुतली, झूमरी, नींबू बाबा, हवलदार जैसे कितने ही किरदार उन्होंने निभाये हैं। सारिका ने अपने पांच सबसे पसंदीदा लुक्स के बारे में थोड़ा विस्तार से बताया। सारिका बहरोलिया (गुड़िया) कहती हैं, ‘‘सच कहूं तो गुड़िया के रूप में एक बिलकुल ही नये रूप में आने में हमेशा ही थोड़ा डर लगता है। 

लेकिन किस्मत से मेरे पास बहुत ही प्यारे-प्यारे को-स्टार्स हैं, जोकि मेरी परफाॅर्मेंस के दौरान मेरा हौसला बढ़ाते हैं और मेरी मदद करते हैं। उसके बाद मुझमें जो आत्मविश्वास आता है वह मेरे किरदार में ट्रांसफर हो जाता है, यही वजह है कि वह परदे पर बिलकुल परफेक्ट दिखता है। जब गुड़िया बेहतर होती है तो मैं भी होती हूं। आखिरकार यह काफी प्रोत्साहित करने वाला होता है। कई बार ऐसा होता है मुझे पलक झपकते ही उस किरदार में ढलना होता है और उसके अनुसार व्यवहार करना होता है, अगले ही पल फिर अपने वास्तविक किरदार में भी लौटना पड़ता है।’’अपने अलग-अलग गेटअप और अपने सबसे अच्छे लुक के बारे में उत्साह से बताते हुए, सारिका कहती हैं,‘‘मेरे सबसे यादगार लुक्स में से एक है- जब मैंने एक अजीबोगरीब बंदरिया का किरदार निभाया था। 

उसका काॅस्ट्यूम बुद्धुओं जैसा था और काफी सारा मेकअप भी था। मुझे सेट पर आन स्क्रीन और आफ-स्क्रीन बंदरिया बनकर इधर-उधर कूदने में काफी मजा आ रहा था। मैंने अपने अंदर के बच्चे को बाहर आने दिया! मेरा एक और अवतार था, जहां मैं दुर्गा मां की पुतली बनी थी, मुझे एक मूर्ति की तरह बिना हिले-डुले एक मिनट तक खड़े रहना था! उसका गेटअप काफी दिलचस्प था, जबकि उस किरदार की सबसे मजेदार बात थी बिलकुल स्थिर खड़े रहना, जोकि मैं कभी नहीं कर सकती। मुझे अभी भी याद है उस एक मिनट के शाॅट के लिये मुझे पूरे 11 टेक देने पड़े थे। मुझे डबल रोल करने का भी मौका मिला, जोकि मेरा सपना था। वह एक बोल्ड लड़की झुमरी का किरदार था, जोकि गुड़िया से पूरी तरह अलग थी। 

एक ही फ्रेम में दो बिलकुल ही अलग व्यक्तित्व वाली गुड़िया को देखना काफी मजेदार था!’’ वह आगे बताती हैं, ‘‘परदे पर मुझे नींबू बाबा का किरदार निभाने के लिये दाढ़ी-मूछें लगानी पड़ी और पुरूषों के कपड़े पहनने पड़े, उस गेट अप में मैं बिलकुल पहचान में नहीं आ रही थी। कड़क आवाज के लिये मुझे अपनी आवाज बदलनी थी और एक संत की तरह व्यवहार करना था। आखिर में मेरा हवलदार वाला किरदार आता है, जिसमें मुझे अपने तौर-तरीकों को एकदम ही बदलने की जरूरत थी। साथ ही जय सोनी का होना भी एक बेहतरीन अनुभव था।’’ इससे ऐसा लगता है कि हमारी सारिका कोई भी चुनौती लेने के लिये तैयार हैं। साथ ही हर किरदार के गेटअप को उतनी ही आसानी और प्रभावशाली तरीके से पेश करने के लिये भी।