सांभर तहसील का नाम शुद्ध करने के लिये गजट नोटिफिकेशन का इंतजार

राजस्व रिकॉर्ड में दोहरे नाम को लेकर क्षेत्र की जनता विगत सात दशकों से हो रही भ्रमित

प्रदेश सरकार के पास सात माह से विचाराधीन है महत्वपूर्ण मामला
शैलेश माथुर की रिपोर्ट 
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सांभरझील। सांभर उपखण्ड मुख्यालय पर वर्ष 1950 से संचालित तहसील सांभर के कार्यालय का बिना किसी आदेश के राजस्व रिकॉर्ड में गलत तरीके से लिखे जा रहे तहसील फुलेरा मुख्यालय सांभर के स्थान पर तहसील सांभर लिखे जाने यानी शुद्ध कराने की राजस्व विभाग की ओर सात माह पहले ठोस अभिशंसा के साथ सरकार को भिजवायी गयी रिपोर्ट के बाद अब क्षेत्र के लोगों को नाम शुद्धि के लिये गजट नोटिफिकेशन का इंतजार बना हुआ है। राजस्व विभाग के पूर्व लिपिक शैलेश माथुर की ओर से वर्ष 2012 में सूचना के अधिकार के तहत जब यह जानकारी मांगी गयी तो इस बात का सर्वप्रथम खुलासा हुआ था कि राजस्व रिकॉर्ड में तहसील फुलेरा मुख्यालय सांभर का नाम अंकन करने का न तो कोई पहले गजट नोटिफिकेशन जारी हुआ था और न ही राजस्व विभाग की ओर से इस प्रकार के कोई आदेश प्रसारित किये गये थे, इसके बावजूद राजस्व रिकॉर्ढ में करीब 70 वर्ष से इस त्रुटि को क्यों नहीं सुधारा गया यह आज तक समझ से परे है। पूर्व लिपिक शैलेश माथुर की ओर से इस मामले को लेकर आरटीआई के तहत मुख्य सचिव, जिला कलक्टर, एसडीएम सांभर व तहसीलदार सांभर से सूचना संकलित की जा चुकी है। इस मामले में तहसीलदार सांभर व जिला कलक्टर जयपुर की ओर से उन्हें लिखित में सूचना देकर इस बात को स्वीकार किया है कि उनके कार्यालय में तहसील फुलेरा मुख्यालय सांभर राजस्व रिकॉर्ड में इन्द्राज के लिये कोई गजट नोटिफेकेशन नहीं मिला है, इसके बाद जिला कलक्टर ने इस बाबत तहसीलदार को एक प्रस्ताव तैयार कर एसडीएम सांभर के माध्यम से भिजवाने के आदेश जारी किये, जिसके बाद तहसीलदार सांभर की ओर से वर्ष 2014 में इसकी तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार की गयी, उसी के आधार राजस्व विभाग से जुडे अन्य अधिकारियों ने भी प्रस्ताव तैयार किया और सरकार को नाम शुद्ध करने के लिये प्रस्ताव भेजा। 

इस मामले में आरटीआई कार्यकर्ता शैलेश माथुर ने 16 दिसम्बर 2020 को सरकार से इसकी प्रगति रिपोर्ट मांगी लेकिन 30 दिन की अवधि बीत जाने के बाद सरकार से अभी तक अपेक्षित जवाब का इंतजार बना हुआ है। यह बता दें कि तहसील का नाम शुद्ध किये जाने के लिये विगत सात दशकों से आज तक कोई राजनीतिक प्रयास नहीं हुये जिसका खामियाजा आम जनता को आज तक भुगतना पड़ रहा है। रोचक पहलू यह भी है कि राजस्व दस्तावेजों में अनेक अभिलेखों में कहीं पर तहसील सांभर तो कहीं पर तहसील फुलेरा मुख्यालय सांभर इन्द्राज पाया गया है।