देवयानी तीर्थ स्थल पर आने वाले यात्रियों को नहीं मिल रहा है सुविधाओं का लाभ
सांभरझील से शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील। देवयानी तीर्थ स्थल पर आने वाले श्रृद्धालुओं को सुविधायें उपलब्ध कराने के लिये मुख्यमंत्री बजट घोषणा वर्ष 2018-19 के तहत कार्यकारी एजेंसी नगरपालिका सांभर की ओर से बनवाये गये करीब बीस लाख के सार्वजनिक शौचालय के निर्माण के बाद से ही इस पर ताले लगाकर इसको महज शोपीस बना दिया गया है। मालूम करने पता चला है कि शुरूआती दौर में कुछ समय के लिये तो इसके ताले खुले हुये थे, किसी कर्मचारी को भी यहां सुरक्षा के लिये तैनात भी किया गया था। प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप खुले में शौच से मुक्ति भी इसका एक प्रमुख कारण था, यहां आने तीर्थ यात्रियों में जिनमें महिलाओं की संख्या काफी अधिक होती है तो उनकी ओर से इसका उपयोग किया जाता था लेकिन धीरे धीरे इस आफत से पीछा छुडाने के लिये अब इस पर ताला लगा देने से आने वाले श्रृद्धालुओं को खुले में शौच के लिये जाना पड रहा है। देवयानी विकास समिति के सचिव सर्वेश शुक्ला से बात करने पर उन्होंने बताया कि इसको बंद कर देने से आने वाले लोगों को इस सुविधा के लिये इधर उधर भटकना पडता है या फिर झील में खुले स्थान पर जाना पड़ता है जो प्रशासन के लिये एक शर्मसार बात है, जबकि यहां पर कार्तिक माह व एकादशी के मौके पर लोग देवयानी में स्नान करने भी आते है। पालिका को इतनी ही चिंता है तो इसके लिये मामूली शुल्क लागू कर देना चाहिये। लिखने योग्य यह भी है कि निवर्तमान बोर्ड के कार्यकाल में इतनी बड़ी धनराशि खर्च कर बनवाये गये इस शौचालय के शिलान्यास पट्ट पर इसकी लागत की राशि व निर्माण की गारण्टी की सूचना का अंकन छिपाना अपने आप में एक सवालिया निशान खड़े भी करता है। इस शाचालय के निर्माण के अल्प समय में ही इसके दीवार पर लगी कुछ टाईल्स उखड़ भी चुकी है। गिरधर गोपाल मंदिर के पुजारी योगेश शुक्ला ने भी जानकारी दी कि जब से इसका विधायक लोकापर्ण करके गये है मैं तो कुछ समय बाद से ही इसे बंद ही देख रहा हूं, जबकि इस तीर्थ स्थल के काफी दूरी तक दूसरा कोई शौचालय बना नहीं हुआ है, जनहित को देखते हुये इसको खोले जाने की जरूरत है।