मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में उर्दू पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़


श्रीप्रकाश सिंह निमराजे


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ग्वालियर ।सरकारी स्कूलों में उर्दू शिक्षकों की भर्ती की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजते हुए कहा है कि सरकारी स्कूलों में उर्दू पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य के साथ वर्षों से खिलवाड़ किया जा रहा है लेकिन सकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है।गोपाल किरनसमाज सेवी, संस्था, ग्वलियर के श्रीप्रकाश सिंह निमराजे के अनुसार गोपाल किरन समाजसेवी संस्था, द्वारा लगभग 5 वर्षों से सरकारी स्कूलों में उर्दू शिक्षकों की भर्ती की मांग की जा रही है लेकिन सरकार उर्दू शिक्षकों की भर्ती को लेकर गंभीर नही दिखाई दे रही है।


जिसका खमियाज़ा उर्दू पढ़ने वाले बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। कोरोना काल के पश्चात जल्द ही मध्यप्रदेश के सभी स्कूल खुलने वाले हैं पर सरकारी स्कूलों में उर्दू के पर्याप्त शिक्षक अभी तक नही हैं। जिससे उर्दू पढ़ने वाले बच्चों के साथ वर्षों से खिलवाड़ हो रहा है। मध्यप्रदेश शासन का इस और कोई ध्यान नही। आज एक बार फिर संस्था, ने सरकारी स्कूलों में उर्दू शिक्षक की भर्ती किए जाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज कर मांग को दोहराया है कि स्कूलों के खुलने से पूर्व सरकारी स्कूलों में उर्दू भाषा पढ़ाने वाले शिक्षकों की पर्याप्त भर्ती की जाए। 


निमराजे ने मध्यप्रदेश सरकार से यह भी मांग की है कि कई शहरों में उर्दू शिक्षक भर्ती के केस भी पेंडिंग में हैं जिनको न्यायालय से तो राहत मिल चुकी है पर उनको पद भार नहीं दिया जा रहा। वहीं दूसरी ओर शहर के विकास और बोर्डो से भी उर्दू भाषा को वंचित किया जा रहा है जबकि हिंदी भाषा के बाद सबसे बड़ी भाषा उर्दू है जिसको हर व्यक्ति बोलता और पढ़ता है। मध्यप्रदेश में उर्दू अकेडमी तो है पर उर्दू भाषा का संरक्षण नहीं है यह अफ़सोसजनक है। संस्था की टीम द्वारा यह भी मांग की गई के उर्दू एकेडमी का गठन पुनर्रूप से किया जाए और ऐसे लोगों को एकेडमी में जगह दी जाए जो उर्दू ज़बान के फ़रोग़ के लिए कार्य कर सकें एवं स्कूलों के खुलने से पूर्व सरकारी स्कूलों में उर्दू शिक्षकों की भर्ती की जाए ताकि उर्दू पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो।