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मनोहरपुर (जयपुर)। राजस्थान पंचायती राज मंत्रालय कर्मचारी संघ ने वेतन कटौती के आदेश से तत्काल मुक्त करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिये जा रहे हैं। संघ के जिला प्रभारी ओम प्रकाश चौधरी ने दिये ज्ञापन में बताया कि सरकार ने पुलिस व चिकित्साकर्मियों को छोड़कर शेष कर्मचारियों से उनकी बिना अनुमति से प्रतिमाह वेतन कटौती के मनमाने आदेश किए हैं।
यह वेतन कटौती अनिश्चित अवधि तक होगी, साथ ही कार्मिकों के उपार्जित अवकाश के नकदीकरण पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार के इस मनमानी व निरकुंश आदेशों से संपूर्ण पंचायती राज मंत्रालय कर्मचारी संवर्ग में जबरदस्त आक्रोश है। संगठन यह स्पष्ट करता है कि पंचायती राज मंत्रालय कर्मचारी संवर्ग ने संपूर्ण राजस्थान में दूरस्थ स्थानों पर कोरोना महामारी काल में पुलिसकर्मियों व चिकित्सकों के समान ही विभिन्न मोर्चों पर अपना जीवन दाव पर लगाते हुए पूर्ण योगदान देते हुए सेवाएं दी है।
राज्य सरकार भी इस से अवगत है, तदुपरांत भी पंचायती राज मंत्रालय कर्मचारी संघ का आर्थिक शोषण किया जाना अत्यंत खेद जनक है। परिवार संचालन के लिए केवल वेतन पर ही निर्भर रहने के कारण पंचायती राज मंत्रालय कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति व व्यवस्था डांवाडोल होने के कारण गंभीर खतरा उत्पन्न हो जाएगा। इसलिए पंचायती राज मंत्रालय कर्मचारी संघ ने मांग की है कि इस वेतन कटौती के आदेश से जल्द से जल्द मुक्त करने के आदेश प्रदान करें।