शक्तिशाली बैक्टीरिया


डॉ. पी.डी. गुप्ता


पूर्व निदेशक ग्रेड साइंटिस्ट, सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, हैदराबाद
ई-मेल: pdg2000@hotmail.com मोबाइल : 080728 91356


बैक्टीरिया अतिसूक्ष्म प्राणी हैं जो हर पर्यावरणीय परिस्थितियों में पाए जाते हैं। जिस 'होस्ट' पर ये रहते हैं उसके जैव प्रणाली के लिए अत्यधिक फायदेमंद होते हैं या 'होस्ट' के लिए अत्यधिक घातक साबित होकर मृत्यु का कारण भी बन सकते हैं। समय-समय पर बैक्टीरिया अपनी रूपात्मक विशेषताओं को बदलते रहते हैं और अनेक आकारों तथा विभिन्न रूपों में पाए जाते हैं। कुछ वैज्ञानिक बैक्टीरिया का अन्य ग्रहों में भी होने का अनुमान लगाते हैं, क्योंकि इनमें से कुछ भोजन और ऑक्सीजन के बिना भी रह सकते हैं। ये एक मात्र जीवित प्राणी हैं जो अत्यधिक तथा न्यूनतम तापमानों पर अपना विस्तार कर सकते हैं।


मानव के त्वचा पर पाए जाने वाला बैक्टीरिया उसके शरीर की प्रकृति को प्रभावित करने वाले यौगिकों को बनाता करता है। बैक्टीरिया शरीर की त्वचा पर फेरोमान और वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों का उत्पादन कर सकता है, जो शरीर के गंध में योगदान देते हैं। मानव शरीर के सभी बाहरी सतह लाखों बैक्टीरिया से भरे होते हैं।



हम आम तौर पर, बैक्टीरिया युक्त जीवन जीते हैं, लेकिन विभिन्न आवश्यकताओं और संगति के कारण वे सह-जीवित या सहभोजिता को भी अपनाते हैं। उदाहरण के लिए, त्वचा या बालों पर निवास करने वाला अनुकूल बैक्टीरिया, रोगजनक-बैक्टीरिया को अपना घर बनाने की अनुमति नहीं देता है। इस प्रकार 'होस्ट' (मानव त्वचा) को किसी प्रकार भी प्रकार के रोगों से बचाता है, यह सहजीविता या सामान्यतावाद का एक बेहतर उदाहरण है।


बैक्टीरिया मानव और अन्य जीवों के शरीर के अंदर और बाहर दोनों जगह पाए जाते हैं।  30% लोग स्टेफिलोकोकस के संक्रमण से पीड़ित होते हैं। कुछ लोगों में यह बैक्टीरिया के सामान्य समूह का हिस्सा होता है, जो त्वचा और नासिका (नाक) गुहा जैसे क्षेत्रों में पाया जाता है।


एमआरएसए (MRSA) स्टेफिलोकोकस आरिस का एक घातक प्रकार है, जो मानव त्वचा और रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है। इतना ही नहीं यह मस्तिष्क और हृदय रोगों के लिए भी जिम्मेदार होता है। उसके अपने लोह धातु की आवश्यकता के लिए लाल रक्त कणिकाएं (RBCS) को संक्रमित करते हुए-हेमोलिसिस का उत्पादन करता है।



हृदय रोग के लिए जिम्मेदार स्टेफिलोकोकस बैक्टीरिया, जानवरों की तुलना में मानवों के रक्त को अधिक पसंद करता है। यह बैक्टीरिया लाल कोशिकाओं के हेमोग्लोबिन में पाए जाने वाले लोह-धातु को पसंद करता है। यह RBCS (लाल रक्त कोशिकाओं) को खंडित (Lysing) करता है। इसके संक्रमण से हेमोग्लोबिन में कमी हो जाती है। बैक्टीरिया के संक्रमण से मसूड़ों में सूजन आ जाती है। वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चलता है कि मसूड़ों की सूजन ह्रदय रोग का लक्षण हो सकता है।


मुहासों से लड़ने वाला बैक्टीरिया : प्रोपिओनि बैक्टीरियम त्वचा के छिद्रों में पाया जाता है। जो मुहासों का कारण बनता है। वैसे यह हानिकारक नहीं होता है, लेकिन यदि त्वचा में तैलिये चिकनापन अधिक हो जाता है तो इस बैक्टीरिया की संख्या में वृद्धि होती है, जिससे त्वचा को क्षति पहुँचाने वाले एनजाइम का उत्पादन बढ़ जाता है। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि कुछ प्रकार के मुहासों संबंधित बैक्टीरिया मुहासों को होने से रोकते हैं। जब ये बैक्टीरिया एक प्रतिरक्षा प्रक्रिया को प्रेरित करते है तो इस क्षेत्र में सूजन पैदा होती है तथा मुहासे हो जाते हैं।



हाल ही में बैक्टीरिया द्वारा किये गए कुछ अद्भुत कार्यों की खोज हुई है –



  1. न्यूरॉनों की वृद्धि के कारण सेरोटोनिन में बढ़त हुई है, मिट्टी से जुड़े कुछ बैक्टीरिया मस्तिष्क के न्यूरॉनों को उत्तेजित करते हुए उनकी संख्या बढ़ाते हुए सीखने की क्षमता में वृद्धि करते हैं। डोरोथी मैथ्यू नामक वैज्ञानिक ने चूहों पर एक दिलचस्प शोध किया- जिसके अंतर्गत उन्हें मिट्टी से जुड़े माइको बैक्टीरियम वेक्सी को वास्तव में खिलाया। परिणामस्वरूप, पता चला कि बैक्टीरिया खिलाए गए चूहे नियंत्रित (बैक्टीरिया नहीं खिलाये गए) चूहों की तुलना में कम चिंता या परेशानी के साथ तेजी से अपना रास्ता खोज लेते (नेविगेट करते) हैं। इस अध्ययन से पता चलता है कि बैक्टीरिया खिलाये गए चूहे नए कार्यों को बेहतर ढंग से सीखने और कम चिंता के साथ काम करने में सक्षम बन जाते हैं। हालाँकि अभी तक इसके पीछे के तंत्र के बारे में कोई स्पष्टता नहीं मिली, लेकिन माना जाता है कि माइको बैक्टीरियम वेक्सी के कारण ही सीखने की क्षमता में वृद्धि होती है। मस्तिष्क के न्यूरॉनों में वृद्धि से उत्तेजना के कारण सेरोटोनिन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे चिंता या परेशानी भी कम हो जाती है।


 



  1. बैक्टीरिया और पॉवर मशीन : बैसिलस सबटिलिस में बहुत छोटे गियरों को चलाने की क्षमता होती है। जब इन्हें माइक्रोगियरों से युक्त घोल में रखा जाता है तो, बैक्टीरिया गियरों के छड़ियों (Spokes) में तैरकर बैठ जाता है और उन्हें एक विशिष्ट दिशा में समन्वित रूप से मुड़ने में बाध्य करता है। इस प्रकार गियरों को चलाने के लिए कुछ सौ मात्र बैक्टीरिया की जरूरत होती है।


यह भी पता चला है कि बैक्टीरिया एक घड़ी की छड़ियों (Spokes) से जुड़े गियर्स को बदल सकते हैं। ये बैक्टीरिया घोल में ऑक्सीजन मात्रा के अनुसार गियर्स की गति को नियंत्रित कर सकते हैं। घोल में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर बैक्टीरिया धीमा हो जाते हैं। ऑक्सीजन को हटाने से बैक्टीरिया पूरी तरह चलना बंद कर देते हैं। वास्तव में काफी बुद्धिमान लगते हैं।


 



  1. वर्षा करने वाले बैक्टीरिया : सूडोमोनस सिरंज-बैक्टीरिया वायु मंडल में मौजूद वाष्प को घनीभूत करके और वर्षा करने में भूमिका निभा सकते हैं। जावा की मदद से पौधों पर स्थित बैक्टीरिया वायु मंडल में फैलने से यह प्रक्रिया आरम्भ करते है। जैसे-जैसे ये ऊपर उठते हैं, उनके चारों ओर बर्फ बनता है और ये आकार में बड़े होने लगते हैं। एक बार बर्फ में जमकर ऊपर उठे ये बैक्टीरिया पिघलकर वर्षा के रूप में जमीन पर लौटते हैं। ये बैक्टीरिया अपने कोशिका झिल्ली में एक विशेष प्रोटीन का उत्पादन करते हैं, जो आइस क्रिस्टल (बर्फ) बनाने में सहायक होता है।


 



  1. बैक्टीरिया में डाटा को संग्रहित किया जा सकता है : (बायो कम्प्यूटर) कल्पना करें कि छोटे जीव अपने डीएनए DNA में डाटा और संवेदनशील जानकारी को स्टोर करते हैं। सूक्ष्मजीवों को आमतौर पर आसानी से पैदा करने के लिए जाना जाता है, लेकिन वैज्ञानिकों ने अनुवांशिक रूप से इंजीनियर किये गए बैक्टीरिया को बनाने में कामयाबी हासिल की है जो एन्क्रिप्टेड डाटा को एकत्रित करते हैं। पाठ, चित्र, संगीत और यहाँ तक की वीडियो जैसी जानकारी को बैक्टीरिया के डीएनए DNA में संग्रहित करते हुए संकुचित (कम्प्रेस्ड) करते हुए दो बैक्टीरियाओं के बीच वितरित किया जा सकता है। बैक्टीरिया का मैपिंग से वैज्ञानिक आसानी से जानकारी का पता कर सकते हैं। एक ग्राम बैक्टीरिया अपने में 2000 गीगा बाइट्स वाले 450 हार्ड डिस्क में सामने वाले डाटा को स्टोर कर सकता है।



जैव भण्डारण (बायो स्टोरेज) के लिए बैक्टीरिया बहुत ही उपयुक्त साबित होता है - क्योंकि वे तेजी से प्रतिलिपि बनाते हैं, उनके पास विशाल मात्रा की जानकारी संग्रहित करके रखने की क्षमता होती है और वे काफी लचीले होते हैं। विशेष परिस्थितियों में एक अकेले बैक्टीरिया की कोशिका एक घंटे में एक सौ मिलियन बैक्टीरिया पैदा कर सकती है। यह अपने आपको बहुत जल्दी गुणात्मक (मल्टीप्लाई) करते हैं। इस वजह से बैक्टीरिया में संग्रहित डाटा को लाखों बार कॉपी किया जा सकता है ताकि सूचना के संरक्षण को सुनिश्चित किया जा सके। पारम्परिक सिलिकॉन चिप कम्प्यूटर की तुलना में बायो कम्प्यूटर के लिए कई तरह से फायदेमंद होती हैं।


A) बैक्टीरिया सूक्ष्म आकर के होते हैं और अधिकतम डाटा स्टोर करने की क्षमता रखते हैं, साथ ही कम जगह लेते हैं।


B) यह अनुमान लगाया गया है कि एक ग्राम बैक्टीरिया में लगभग 10 मिलियन कोशिकाएं होती हैं।


C) बैक्टीरिया काफी लचीले जीव होते हैं। वे पर्यावरण के अनुकूल अपने आपको ढाल लेते हैं और हर हालत में जीवित रह सकते हैं।


D) बैक्टीरिया विपरीत परिस्थितियों में अपने आपको जीवित रख सकते हैं लेकिन हार्ड डिस्क और पारम्परिक कम्प्यूटरों के संदर्भ में यह संभव नहीं है।


E) बैक्टीरिया किसी भी व्यक्ति विशेष की पहचान कर सकता है। यूएसए के कोलेराडो विश्वविद्यालय ने दर्शाया कि किसी व्यक्ति की त्वचा पर पाए जाने वाले बैक्टीरिया से उसकी पहचान हो सकती है। किसी व्यक्ति के हाथों में पाए जाने वाला बैक्टीरिया उस व्यक्ति के लिए विशेष होता है। यदि हम किसी चीज को स्पर्श करते हैं तो उस वस्तु की सतह पर अपनी त्वचा के बैक्टीरिया छोड़ते हैं। बैक्टीरियल डीएनए DNA विश्लेषण से पता लगाया जा सकता है - वे किस व्यक्ति के हैं। यह इसलिए कि बैक्टीरिया विशिष्ट होते हैं और अनेक हफ़्तों तक अपरिवर्तित रहते है। इस कारण से उन्हें एक प्रकार के फिंगर प्रिंट के रूप में भी स्वीकार किया जा सकता है।


इतनी सारी विशेषताओं से युक्त बैक्टीरिया क्या शक्तिशाली जीव नहीं है?


अनुवादक : आर. चंद्रशेखर, हैदराबाद