राम मंदिर निर्माण : धानी चुनर में सजी अयोध्या

चौथी क़िस्त   



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इंदौर। इस वर्ष प्रभु श्रीराम की जन्म नगरी अयोध्या में दो दिवाली मनाई जाएँगी। एक तो तय तारीख़ पर ,लेकिन दूसरी उससे पहले पाँच अगस्त  को जब पीएम नरेंद्र मोदी  मंदिर  की नींव का पहला पत्थर रखेंगे ।इस ऐतिहासिक तीर्थ नगरी में न जाने कितने दिनों से भजन कीर्तन, यज्ञ इत्यादि चल रहे हैं। इसी यहाँ का प्रशासन उक्त दीपोत्सव जो चार एवं पांच अगस्त को होगा, की तैयारी में रात दिन एक कर रहा है। सम्भावना है कि इस नगरी डेढ़ लाख देसी घी के दीपक प्रज्वलित किए जाएंगे। अदभुत तरीके से मंदिर को नव सृंगरित किया जा रहा है।


मंदिर को नई आभा नया लावण्य नया रूप रंग एवं कभी न भूल सकने वाला चुम्बकीय आकर्षण रंगोली से सजा धजा कर दिया जा रहा है किसी चीज की कोई कमी नही रखी जा रही है। जो करोड़ों रुपए का बजट मोटा मोटा बनाया गया है। उसे लेकर विहिपके अध्यक्ष आलोक कुमार का कहना है कि राम जनम भी न्यास ने जो सालों पैसा देस विदेस से एकत्र किया है। वह पुर जाएगा वैसे यू पी सरकार का मंदिर निर्माणने इस कार्य हेत अच्छा खासा फंड अलग रखा हुआ है। मीडिया में लगातार बड़ी स्पेस के अनुसार इस पुण्य नगरी का चप्पा चप्पा धानी रंग से सराबोर है। यह कलर पवित्रता का बोध कराता है इस नगरी की एक एक दीवार आप फिलहाल तो उपस्थित होकर देख नहीँ पाएंगे।


मगर जहां भी होंगे, मीडिया के विभिन्न साधनों से यहाँ की दीवारों पर चित्रित की जा रही भगवान श्रीराम की तस्वीर, मैं सीता की तस्वीर एवं राम भक्त वीर हनुमान की तस्वीर के मोहपाश में बंध जाएंगे। अवध विश्व विद्यालय के चित्रकला विभाग के करीब 60 बच्चों ने कुचियाँ थाम रखी रही हैं। मंदिर के तराशे गए पत्थरों को चमकाने का काम नई दिल्ली की एक कम्पनी तीन चार महीनों में पूर्ण करेगी। लोग श्रीराम की भक्ति में अभी से ऐसे सराबोर हुए  जा रहे हैं कि पीले वस्त्र धारण करने लगे हैं। ताज़ा सूचना है कि देश की लगभग 50 पवित्र नदियों का भूमि पूजन के लिए लाया जा रहा है। इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है कि अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर के प्रसिद्ध टाइम स्क्वेयर पर उक्त दो दिनों तक प्रभु श्रीराम की ऊंची तस्वीर लगाने के साथ ही जय श्रीराम के जय घोष गूंजेंगे। एक बंदा इस नगरी में मीडिया का खासा दुलारा बन गया है। इन मियाँ बबलू खान से मुलाक़ात कल...। आज के बस इतना ही अब दीजिए इज़ाज़त...। (लेखक के अपने विचार हैं) क्रमशः



लेखक : नवीन जैन


वरिष्ठ पत्रकार, इंदौर