दिल के अरमां...

daylife.page 


मनोहरपुर (जयपुर)। हर एक मुस्लिम दिली ख्वाहिश होती है कि वह जीवन में कम से कम एक बार सऊदी अरब स्थित मक्का मदीना जाकर हज करें। इसके लिए वह बचपन से ही इस उम्मीद पर जीता है कि एक दिन खुदा उसको अपने घर में जरूर बुलाएगा लेकिन जब हज पर जाने के लिए पूरी तैयारी कर लेता है और लाटरी में नम्बर भी आ जाता है तो वो इंसान बहुत ख़ुश होता हैं कि मेरी तमन्ना पूरी हो रही हैं। लेकिन अचानक कोरोना संक्रमण की वजह से सऊदी अरब की सरकार हज के लिए आवेदन करने वालों को हज करने के लिए नहीं बुला रहे हैं और उनकी राशि वापस लौटाने का फ़ैसला लिया है। जिससे हज पर जाने वाले कई लोगों का सपना टूट गया है। क्योंकि इस साल हज पर जाना उनको नसीब नहीं होगा। इस बार हज पर जाने वाले लोगों के दिल के अरमां आंसुओं में बह रहे हैं। 


उल्लेखनीय है कि राजस्थान के 5354 लोग इस बार हज नहीं कर पाएंगे वहीं सेंट्रल हज कमेटी ऑफ इंडिया की ओर से लोगों को उनके द्वारा जमा की गई राशि लौटाने का सिलसिला शुरू कर दिया है। देश भर से 2 लाख से अधिक लोग हज के लिए जा जाने वाले थे लेकिन इस साल अब इनमें से कोई भी हज यात्रा पर नहीं जा सकेगा। 



इनका कहना 


जामा मस्ज़िद मनोहरपुर के सदर हाजी सरदार खान चौहान ने शायराने अंदाज़ में कहा कि "तक़दीर बनाने वाले तू ने कमी ना कि, किसको क्या मिला ये तो मुक़द्दर की बात है।" लेकिन वे ना उम्मीद नहीं, इस साल नहीं जा सकते हाजी तो कोई बात नहीं। जब इंसान हज की नियत कर लेता है तो एक दिन उसका हज जरूर होगा। इस साल तो पूरी दुनिया ही कोरोना की गिरफ्त में है। हम सभी दुआ करें की ये महामारी दुनिया से जल्द से जल्द रुखसत हो जाए ताकि फिर से ज़िन्दगी पटरी पर लौट आए। चौहान ने यह भी कहा कि हम सभी सोशल डिस्टेंस, बार-बार हाथ धोने, घर से बाहर निकलने पर मुंह पर सही तरीके से मास्क लगाए और यदि बीमारी का अंदेशा लगे तो तुरंत हॉस्पिटल जाकर डॉक्टर को दिखाए, तभी एक दिन हम सब कोरोना महामारी पर विजय हासिल कर सकेंगे।