विद्युत विभाग में अनुकम्पा (मृतक आश्रितों) को न्याय की मांग

(डे लाइफ डेस्क)


मनोहरपुर (जयपुर)। मनोहरपुर आल राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लाइज फेडरेशन इंटक के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कुमावत, प्रदेश महामंत्री मोहम्मद यूसुफ कुरेशी वरिष्ठ उपाध्यक्ष हाजी मोहम्मद मेहराज साहब, प्रदेश संगठन मंत्री चक्रवती शर्मा, मनीष बैरवा, रमजान खान आदि ने राजस्थान के मुख्यमंत्री श्रीमान अशोक गहलोत साहब को पत्र लिखकर विद्युत विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति के मृतक आश्रितों को न्याय दिलवाने की मांग की हैं। 


पत्र में लिखा है कि राजस्थान के विद्युत निगमो में अनुकंपा नियुक्तियों में वर्ष 1996 से भेदभाव हो रहा है जहाँ राजस्थान सरकार में कनिष्ठ लिपिक के लिये उस समय मैट्रिक पास शैक्षिक योग्यता थी तब विधुत निगम में पुरुषों के लिए स्नातक योग्यता को अनिवार्य किया गया, जबकि महिला अनुकम्पा प्रथिनी के लिये 10 वी पास को एलडीसी बनाया जाता रहा जो कि भारतीय संविधान में प्रदत समानता के अधिकार का हनन था। यह शोषण 1996 से मार्च 2019 तक चलता रहा। जब राजस्थान में मजदूर हितैषी गहलोत सरकार बनी तो इन पीड़ितों ने आप से इस असमानता को हटाने का आग्रह किया तो आप ने इस असमानता को समाप्त कर अनुकम्पा में महिला व पुरुष दोनों के लिये योग्यता 12 वी पास कर दी जो कि एक ऐतिहासिक फैसला विद्युत निगम में साबित हुआ हैं।


अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से हमारी यह मांग है कि विद्युत निगमो में जो पुरुष कर्मचारी 1996 से 2019 तक इस असमानता के नियम के कारण कनिष्ठ लिपिक से वंचित होकर हेल्पर बनाये गये थे उन्हें भी हेल्पर से कनिष्ठ लिपिक में पदोन्नति करने की कृपा करें क्योंकि हम सब नियुक्ति के समय राज्य सरकार के नियमानुसार निर्धारित शैक्षणिक योग्यता रखते थे।


उन्होंने लिखा है कि हमे जननायक अशोक गहलोत साहब से पूर्ण आशा है कि आप हमारे हितों पर जो कुठाराघात हुआ है, उससे हमे न्याय दिलाएंगे। यदि हमें हेल्पर से कनिष्ठ लिपिक बनाया जाता है तो राज्य सरकार पर कोई अतिरिक्त वितीय भार भी नही होगा क्योंकि हम सब पीड़ित हेल्पर कर्मचारी कनिष्ठ लिपिक और वरिष्ठ लिपिक का वेतनमान ले रहे है। मुख्यमंत्री हमारी माँग पर मानवीय दृष्टिकोण के तहत हमे न्याय दिलवाने की कृपा करें। कुरैशी ने बताया कि पूर्व की भाजपा सरकार में भी विद्युत निगमों में टेक्निकल हेल्पर ओं को बाबू बनाया गया था।