सकारात्मक रहें 


हम सभी देशवासी अपने परिवार सहित घरों में हैं। ये समय तो हमें गुजारना ही है।  तो क्यों ना खुश होकर यह समय व्यतीत करें। प्रकृति का जो नव-सृजन हुआ है, उसका आनंद लें। अच्छा सोचें तो अच्छा ही होगा। एक भी नकारात्मक विचार हमारे जीवन की दिशा बदल सकता है। आपको अपनी ज़िम्मेदारियों के चलते कभी अपनी रुचियों को उभारने का मौका नहीं मिला होगा। यह वक़्त अमूल्य है, इसका सदुपयोग करें। आम दिनों में पति और बच्चे अपना खाना लेकर ऑफिस या विद्यालय चले जाते हैं। आप व्यंजन आदि नहीं बना सकती हैं। तो अब, जब पति और बच्चे घर पर हैं तो विभिन्न प्रकार के पकवान बना कर खिला सकती हैं, और नये-नये व्यंजन बनाना भी सीख जायेंगी। इससे प्रसन्नता मिलेगी | और, घर पर बच्चे और पति को काम में सहयोग करने के लिए भी कहें, ताकि आपका समय व्यर्थ ना जायेगा। आप कशीदाकारी, चित्रकारी, गायन, जो भी आपकी रूचि हो. वह काम करें। पुरुष अपने घर के गमलों, बगीचों की देखभाल कर सकें।  


भौतिकता की अंधी दौड़ में बच्चे, नौकरी-पेशा माता-पिता के साथ समय व्यतीत नहीं कर पाते हैं। अत: अपने बच्चों के साथ इनडोर गेम्स खेलें। बच्चों की रचनात्मकता में उनका सहयोग करें।  प्रत्येक पल खुश रहें। बस यह सोचें कि आसमान चमक रहा है, वायुमंडल में आक्सीजन की मात्रा बढ़ रही है। अब तो पक्षियों की चहचहाट भी सुनाई देने लगी है। पशु-पक्षी अति प्रसन्न हैं। नदिया, समुद्र अपने आप स्वच्छ हो रहे हैं। यही सकारात्मक सोच अपने मन-मस्तिष्क में रखें और प्रसन्न रहें।| 


लता अग्रवाल
चित्तौड़गढ़ (राज.)