कोरोना में कारगर गरम पानी

गरम पानी का उपयोग आयुर्वेद के अनुसार कफ, खांसी, सर्दी, खरश में अमृत के समान है। गर्मियों में तो ठंडे पानी को भूलना ही अच्छा



इन दिनों गरम या हॉट वाटर को ही हरदम पीते रहने की सलाह विभिन्न स्वास्थ्य विशेषज्ञ और सलाहकार लगातार दे रहे हैं। ताकि कफ़, खांसी, सर्दी आदि से बचा जा सके। जो कोविड-19 के संक्रमण से बचे रहने का आसान और साधारण उपाय सिद्ध हो सकता है। उक्त लोगों की राय में गरम पानी पीना सेहत के लिए अमृत या संजीवनी बूटी सिद्ध हो सकती है।



उक्त विषेशज्ञों और जानकारों की राय है कि घर में ढाई लीटर पानी दस मिनिट तक आंच पर गरम करले या उबाल लें। इसके लिए साफ सुधरा बर्तन या मरतबान का उपयोग करें, फिर इस पानी को सुरक्षित फ्लास्क में भर लें। और इसी पानी का इस्तेमाल पीने में करते रहें। इस पानी से जमा हुआ कफ तरल होता है और गला साफ होकर खराश से छुटकारा मिलने में सहायता मिलती है। उक्त सभी लोग मानते हैं कि गर्मियों के मौसम में ठंडे पानी को पीने से बचना ही चाहिये। विशेषकर भोजन के दौरान ठंडा पानी या बाद में  पीने इसे से अपच तथा शरीर में अम्ल या टॉसिक्स बनते रहते हैं। पहले ही कई बार प्रमाणित हो चुका है कि अपच के कारण शारीरिक और  मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा विपरीत असर पड़ता है जो रोग प्रतिरोधक शक्ति को संतुलित रखने में अहम भूमिका निभाता है।



आयुर्वेद तो रात में गरम पानी पीने और सुबह से ही गर्म पानी पीते रहने के ही हक़ में है। रात में गरम पानी पीने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है। जिससे सुबह में ज़हरीले पदार्थ निकल जाने में सहायता मिलती है। यदि कफ से बचने के लिए गरम पानी पीना हो तो उसमें तुलसी की कुछ पत्तियां, अदरक के टुकड़े, थोड़ा जीरा और जरा सी सौंफ मिलाकर घोल बनाकर सुरक्षित रख लें। एक और बहुत काम की बात भी आयुर्वेदाचार्य बतातें हैं। वैसे गरीब घुरबों को दूध के इस्तेमाल की सलाह घोर अमानविय कृत्य हैं, मगर जिन लोगों को यह आसानी से मुनासिब हो सके वे यदि इसमें चुटकी भर हल्दी जो  में हर भोजन गृह में हर दम उपलब्ध रहती है को खासकर दूध में मिलाकर रात में पिया जाए तो सर्दी, खांसी कफ में आराम मिलता है। साथ ही इम्युनिटी भी संतुलित रहती है।



लेखक: नवीन जैन
इंदौर