राज्यपाल लालजी टंडन -फाइल फोटो
मध्य प्रदेश : कमलनाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट टला
(मध्य प्रदेश से नवीन जैन)
भोपाल। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने वक्त आने पर सिद्ध कर बताया कि वे वाकई ही स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई (पूर्व प्रधान मंत्री) की जेरोक्स कॉपी है। उनके लिए लोकतंत्र की मर्यादा और नियम और समझदारी सबसे पहले है जबकि वह लखनऊ से वास्ता रखते हैं तथा भाजपा की विचारधारा में पले बढे हैं एक तरह से उनका भरोसा तक कीथा कि लालजी टंडन भाजपा के हित में ही निर्णय लेंगे। मगर तमाम भाजपाइयों को तब साँस रुक गई जब राज्यपाल ने पहले कमलनाथ (मुख्यमंत्री) की सिफारिश पर छह मंत्रियों के इस्तीफे स्वीकार हैं, फिर उन्हीं की अन्य सिफारिश पर उक्त छह मंत्रियों का कार्यभार अन्य मंत्रियों को सौंप दिया।
भाजपा अपने आपको ही गुमराह कर रही थी कि क्योंकि कांग्रेस के 22 विधायक मंत्री समेत हमारे पाले में आ चुके हैं। इसलिए 16 मार्च को ही सदन में फ्लोर टेस्ट किया जाए ताकि स्पष्ट हो जाए कि कमलनाथ बहुमत से काफी दूर हो चुके हैं। इस मामले में भाजपा की ही सुनकर लालजी टंडन नहीं रह गए। राज्यपाल को अभिभाषण के पहले फ्लोर टेस्ट कराने की फिरकी गेंद भी भाजपा खिलाना चाहती थी। मगर एक बार पुन: लालजी टंडन इस खतरनाक गेम को आराम से खेल गए। भाजपा चाहती थी कि पहले ही राज्यपाल का अभिभाषण इस नाजुक मुकाम पर लालजी टंडन ने अपने विवेक से ही काम लिया।
कर्नाटक में ऐसी ही उठा पटक से संबंधित कानून दावों की गहराई से समझा और कानूनविदों से भी सलाह मशवरा किया। भाजपा को भरोसा था कि लालजी टंडन उसकी बात मान कर पहले फ्लोर टेस्ट ही कराएंगे। मगर राज्यपाल ने स्पष्ट कर दिया कि वह संबंधित संवैधानिक दायरे में रहते हुए पहले अभिभाषण देंगे और फिर फ्लोर टेस्ट होगा। शनिवार की रात से ही भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कुछ अन्य साथियों के साथ राजभवन टंडन को स्पष्ट करने गए थे कि अब कमलनाथ सरकार बहुमत खो चुकी है। इसलिए पहले मुख्यमंत्री को बहुमत साबित करने को कहा जाए और उसके बाद ही अभिभाषण दिया जाए।
राज्यपाल को जब मालूम पड़ा की वोटिंग मशीन में कोई नुक्स है तो उन्होंने विधानसभा सचिव को दिशा निर्देश दिए कि हाथ उठाकर बहुमत साबित करने की व्यवस्था की जाए। कुल मिलाकर कानूनविदो और आम लोगों में संविधान के प्रति लालजी टंडन के इस मर्यादित, संतुलित और आचरण को लेकर उल्लास छाया हुआ है। राज्यपाल ने सुनी सबकी मगर की अपने मन की या लोकतंत्र की जिसकी नजीर भविष्य में भी दी जा सकेगी। कमलनाथ ने राज्यपाल से विधायकों की और हॉर्स ट्रेडिंग की शिकायत की तो राज्यपाल ने पुलिस मुखिया को इस मामले में जांच के तत्काल निर्देश दिए प्रदेश पुलिस विवेक जौहरी पूरे मामले की देखरेख कर रहे हैं।