ये मेरे पैरों ने नीचे जो तुम्हे रेड कारपेट दिख रहा है
इसके रंग को देखकर इसकी कीमत मत परखना
वर्षो तक अकेला काटों पर चला हूँ,
तब जाकर इस मुकाम पर खड़ा हूँ
कुछ ऐसी ही कहानी है इंदौर के अतुल मालिकराम की
आज के दौर में किसी भी शहर में किसी भी कंपनी में लड़कियां महिलाये सुरक्षित नहीं है। लड़कियों को अपनी सुरक्षा को लेकर साथ ही उनके परिवार के मन में भी हमेशा भय का माहौल बना रहता है। उनके मन में तरह-तरह के सवाल उठते है। ऑफिस कैसा होगा वहां के लोग कैसे होंगे।
समाज की इसी अनिश्चितता के बीच इंदौर की कंपनी पीआर PR24X7 अपने एम्प्लॉय को देती हैं भरोसेमंद वातावरण जहां कंपनी के फाउंडर अतुल मलिकराम काम के साथ साथ अपने एम्प्लॉय की सुरक्षा और नैतिकता को भी तरजीह देते है. कंपनी में महिला कर्मियों की सुरक्षा और उनके अधिकारों का विशेष ध्यान रखा जाता है।
अतुल मलिकराम का कहना है कि " समाज में महिला का विशेष स्थान होता है महिला हमारे समाज की सृजनकर्ता है समाज का सबसे पहला सृजन महिला के द्वारा ही होता है. एक महिला के कई रूप होते है और हर रूप में वह जीवन की कसौटी पर खरा उतरती है, अगर मुझे महिला की गाथा को एक वाक्य में बयान करना हो तो मैं यही कहूंगा " जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी ॥ "
पीआर के फाउंडर ने इतने सालों में जो विश्वास कमाया है यह उसी का फल है कि यहाँ महिला एम्प्लॉय पुरुषों की अपेक्षा कहीं ज्यादा है और कई वर्षोँ से कंपनी के साथ बनी हुई हैं, अतुल मलिकराम ने महिला कर्मचारियों को वह माहौल और सुविधा मुहैया कराई हैं जो हर महिला का अधिकार है।
किसी अन्य कंपनी के बजाए महिला एम्प्लॉय अपने आपको यहाँ ज्यादा सुरिक्षत महसूस करती है: अतुल मलिकराम अपनी कंपनी में कार्य के साथ-साथ नैतिक मूल्यों को भी अहमियत देते हैं। अतुल मलिकराम गाइडलाईन को फॉलो करते हुए सुबह 8 बजे से पहले और रात को 8 बजे के बाद किसी भी महिला एम्प्लॉय को अपने ऑफिस परिसर में काम नहीं करने देते है। अपितु सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें जल्द ही घर जाने की सलाह देते हैं। कॉम्पपिटीशन के दौर में शायद ही ऐसी कोई कंपनी होगी जो उचाईयों को छूने की दौड़ की होड से अलग हटकर अपने एंप्लॉय का ध्यान रखती हो।