हे मनुष्य


आओ निज मन से एक प्रार्थना करले
है मनुष्य तो मनुष्यता की  बात हम करले


🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷



मौन को  तोड़ कर कुछ  संवाद हम करले
है मनुष्य तो मनुष्यता की लाज हम रखले


🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷



निज कर्म की हम स्वयं अवलोकना करले
दूसरों की खातिर  कभी  प्रार्थना  करले


🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷


सत्य के पथ  पर  पहले हम स्वयम तो चल ले 
है विवेकी  हम तो स्वयं यह विवेचना  करले


🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷


तन्हाइयो को तोड़कर कुछ  उमंग हम भर ले 
फिर मिले या, ना, मिले यह सोच कर मिल ले


🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷


जिंदगी के मर्म को  दिल से समझ ले
एक बार मिली जिंदगी जी भर के जी ले


🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷


दिल मे समंदर ख्वाबो मेंन आसमान भर ले
पंख न सही, मन की उड़ानों में  चाँद, तारो  को  छू ले



🌷 🌷 🌷 ममता सिंह राठौर 🌷 🌷 🌷