वर्षा ऋतु में जल संरक्षण

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ग्रीष्म ऋतु में पानी की किल्लत होने लगती है अगर हम वर्ष भर बूंद बूंद से घट भरे की मानसिकता रखें तो पानी की कमी नहीं होगी। वर्षा ऋतु आने से पूर्व ही जल संरक्षण पर ध्यान दे दिया जाए तो पूरे वर्ष पानी की किल्लत नहीं होगी।छत पर से बहता पानी वाटर हार्वेस्टिंग के जरिए सीधा भूमि के अंदर चला जाता है। हर घर में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था हो। इसे भूजल रिचार्ज हो जाता है। उद्यानों में अगर गड्ढे खोदकर पौधे लगाए जाएं तो वह पानी भी बहने भी बजाय भूमि में चला जाता हैं। बाहर बहता हुआ पानी सूर्य की गर्मी के कारण जल्दी सूख जाता है।

वर्षा ऋतु के पूर्व ही तालाबों, जलाशयो झीलों, नदियों की सफाई कर दी जाए तो इनमें भी जल संग्रहण हो सकता है। घरों में भी टेंको को वर्षा जल से संग्रहित कर ले तो नहाने धोने में काम लिया जा सकता है। (लेखिका का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)

लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)।