ऑनलाइन मनी गेमिंग यानी कि जुआ इसकी लत किस हद तक खतरनाक हो सकती है। कैथून थाना क्षेत्र में इसी लत की वजह से कर्ज में डूबे हुए एक पति-पत्नी ने आत्महत्या कर ली। बच्चे और युवा पीढ़ी को भी ऐसी लत लग गई है कि पढ़ाई लिखाई सब कुछ भूल कर अपराध के दलदल में धंसते जा रहे है। सरकार को इस पर 28% जीएसटी मिलता है इसी राजस्व के लालच के कारण सरकार इस पर प्रतिबंध नहीं लगा रही है। सरकार इस पर गंभीरता पूर्वक विचार करे कि यह लत किस प्रकार परिवारों को युवाओं को बर्बाद कर रही है। आत्महत्या करने पर मजबूर कर रही है। तमिलनाडु सरकार ने बहुत पहले ही सख्त कदम उठाया और रियल मनी गेमिंग को 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। एक निश्चित समय सीमा वह बजट सीमा भी निर्धारित कर दी गई है।
कंपनियों को भी ऑनलाइन गेमिंग नशे की लत हो सकती है की चेतावनी देनी होगी। केंद्र सरकार इसको अगर पूरे देश पर लागू कर दे तो इस पर काबू पाया जा सकता है। (लेखिका का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)
लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)