मोदी जी मौन क्यों ?

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पाकिस्तान सरकार हमेशा दोहरा व्यवहार करती है, पाकिस्तान के नेता आते हैं शांति वार्ता करके चले जाते हैं नतीजा शून्य। हम मौन हैं उनके हौसले बुलंद हैं इसीलिए पहलगांव में आकर 28 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी गई। हमारे नेताओं ने संवेदना प्रकट कर दी वह मुआवजा तय कर दिया इससे क्या उनका उत्तरदायित्व समाप्त हो जाता है। हमारे सद्भाव को हमारी कमजोरी माना जाता है क्योंकि हम हर मसले पर शांति वार्ता चाहते हैं चाहे हमारे कितने ही सैनिकों को मार दिया जाए या सर काट कर शत्रु ले जाए। सरकार के केवल कडी कानूनी कार्रवाई के जुबानी आश्वासन से देश को गुमराह नहीं किया जा सकता। सरकार को ठोस व कारगर नीति अपनानी होगी। अभी भी अमेरिका के दबाव में आकर सीजफायर का फैसला लिया गया। वह चार आतंकवादी जो पहल गांव में निर्दोष लोगों की हत्या करके चले गए अभी तक उन आतंकियों को भारत सरकार पकड़ नहीं सकी है इससे ज्यादा दुख की बात क्या होगी। एक तरफ तो दावा किया जाता है हमारी सेनाएं मजबूत है खुफिया तंत्र मजबूत है तो फिर ऐसी घटनाएं क्यों होती है ।

लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)।