मकर संक्रांति पर पतंगे खूब उड़ाई जाती है। बच्चे, युवा, किशोर सब उत्साह पूर्वक इसमें भाग लेते हैं। चाइनीस मांझ को कांच की चूरी से मजबूत किया जाता है। यह इतना खतरनाक बन जाता है कि पतंग उड़ाते वक्त उंगलियों पर व छोटे बच्चों के हथेलियां व कलाइयों पर भी कट जाते हैं। दो पहिया वाहनों पर आने जाने वाले व्यक्ति के गले में लिपटने से मौत तक हो जाती है। आकाश में उड़ते हुए पंछी भी घायल हो जाते हैं। चीन से आयात पर पूर्णतया प्रतिबंध के बावजूद बाजारों में आखिर यह आ कहां से जाता है। प्रशासन को कोई मतलब नहीं है इन व्यापारियों पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है। जब तक कोई हादसा नहीं होगा तब तक प्रशासन जागेगा नहीं।
लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़।