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सांभरझील। भ्रष्टाचार और हरामखोरी के उदाहरण आए दिन कहीं ना कहीं देखने को मिलते ही रहते हैं, लेकिन यदि कोई भगवान के मंदिर के निर्माण में भी खुलेआम भ्रष्टाचार करने की हिम्मत करें और उसके बाद में भी तमाम संगठनों से जुड़े लोग चुप रहे, राजनेता बोलने से कतराते रहे, जिम्मेदार प्रशासन आंखों पर पट्टी बांध ले तो इससे ज्यादा और निकृष्टता क्या हो सकती है। सांभर में एक मंदिर निर्माण/जीणोद्धार के दौरान बजरी की जगह कोरी मिट्टी से ही निर्माण किए जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जानकारी जुटाने पर बताया गया कि निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ करने से पहले बजरी के स्थान पर एक ट्राली मिट्टी की डाली गई और जब मंदिर के पुजारी व आसपास के लोगों की ओर से यह पूछा गया की भाई यह मिट्टी क्यों डाली गई है तो ट्रॉली डालने वाले ने बताया कि हमें तो ठेकेदार ने कहा है कि काम शुरू करने से पहले शुभ कार्य के लिए मिट्टी ही डाली जाती है क्योंकि बजरी अभी उपलब्ध नहीं है बजरी आने पर काम शुरू किया जाएगा।
हद तो जब हो गई जब दूसरे दिन ही बजरी की जगह इसी मिट्टी को बजरी की जगह काम में लिया जाना शुरू कर दिया। आसपास के लोगों की चेतना जगी तो इसका विरोध हुआ और बताया जा रहा है की शनिवार को इस काम को रुकवा दिया गया इतना सब कुछ होने के बाद भी मौके पर जिम्मेदार प्रशासन का कोई भी अधिकारी व कर्मचारी पहुंचा। अभयचर इस बात का है कि यदि भगवान के मंदिर में भी खुलेआम भ्रष्टाचार हो और शहर की सरकार के मुखिया भी चुप रहे तो फिर इससे ज्यादा भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का उदाहरण और कहां मिल सकता है। दबी जुबान में कुछ लोगों ने कहा कि जिन लोगों की आत्मा ही मर गई है जिनका राम ही निकल गया है ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं के भरोसे सांभर के हित और कल्याण की बात करना केवल खुद की ऊर्जा को ही नष्ट करना है। अब देखना है यह की इस मामले में प्रशासन क्या कोई ठोस कदम उठाता है या फिर लीपापोती का ही काम चलता रहेगा।