बोरवेल से होने वाले हादसे

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समाचार पत्रों में आए दिन किसी न किसी बच्चे के बोरवेल में गिरने की खबर आती है। हाइड्रोलिक मशीन, बोरिंग मशीन, एम्बुलेंस खड्डे में गिरे बच्चों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रशासनिक व्यवस्था करनी पड़ती है। कई बार तो छोटे बच्चों की मौत भी हो जाती है। निजी या सरकारी बोरवेल हो तत्परता से उनको बंद किया जाए। अगर निजी बोरवेल के मामले हो तो सरकार उन पर जुर्माना लगाए। स्थानीय निकाय भी ध्यान रखें की कहीं कोई बोरवेल खुदा हुआ तो नहीं पड़ा है।           

लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़, (राजस्थान)।