वरिष्ठ पत्रकार, लेखक एवं विभिन्न मामलों के ज्ञाता
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नई दिल्ली। मैंने कल भारतीय जनसंचार संस्थान की वर्ष 1968 की स्थिति की चर्चा की थी। आज मैं इस संस्थान की वर्ष 2024 की स्थिति बताऊंगा। इस संस्थान को 31 जनवरी 2024 को Deemed University का दर्जा मिल गया है। इस समय इसके पांच क्षेत्रीय केंद्र हैं। वर्ष 1993 में पहला क्षेत्रीय केंद्र ढेंकानाल (ओडिशा) में खोला गया। सत्र 2011-12 में अमरावती (महाराष्ट्र) और आइजोल ( मिजोराम) में दूसरे और तीसरे क्षेत्रीय केंद्र खोले गए। सत्र 2012-13 में जम्मू और कोट्टायम (केरल) में चौथे और पांचवे क्षेत्रीय केंद्र खोले गए। संस्थान का मुख्यालय नई दिल्ली में है।
इस समय संस्थान भारतीय सूचना सेवा के 'ए' और 'बी' श्रेणी के अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चलाने के अलावा 11 पाठ्यक्रम चलाता है। ये हैं-
1. हिन्दी पत्रकारिता पाठ्यक्रम
2. उर्दू पत्रकारिता पाठ्यक्रम
3. ओडिया पत्रकारिता पाठ्यक्रम
4. मराठी पत्रकारिता
पाठ्यक्रम
5. मलयालम पत्रकारिता पाठ्यक्रम
6. अंग्रेजी पत्रकारिता पाठ्यक्रम
7. डिजिटल मीडिया
पाठ्यक्रम
8. रेडियो, और टेलीविजन पत्रकारिता
पाठ्यक्रम और
9. विज्ञापन तथा जनसम्पर्क पाठ्यक्रम।
ये सभी पाठ्यक्रम एक वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम रहे हैं। हो सकता है अब इन्हें दो वर्षीय एम.ए. उपाधि पाठ्यक्रम बना दिया जाए। इनके अलावा सेना, पुलिस, केंद्र सरकार और राज्यों की सरकारों के जन सम्पर्क अधिकारियों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के प्रचार अधिकारियों के लिए एक सप्ताह से बारह सप्ताह तक के संक्षिप्त पाठ्यक्रम भी चलाए जाते हैं। वर्ष 1965 से 2024 तक लगभग सात सौ पाठ्यक्रम चलाकर करीब 15 हजार प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इसमें भारतीय और लगभग 160 देशों के प्रशिक्षु शामिल हैं।
संस्थान के पुस्तकालय में पत्रकारिता और जनसंचार पर लगभग चौंतीस हजार पुस्तकें, पत्रिकाओं के Bound Volumes, पैम्फलेट और रपट हैं। भारत में शायद ही किसी दूसरी संस्था के पास इन विषयों की इतनी पुस्तकें हैं। संस्थान में भारतीय भाषा पत्रकारिता, अंग्रेजी पत्रकारिता, रेडियो व टी वी पत्रकारिता, विज्ञापन व जन सम्पर्क, संवाद समिति पत्रकारिता, डिजिटल पत्रकारिता के विभागों के अलावा संक्षिप्त पाठ्यक्रम विभाग शोध और मूल्यांकन विभाग भी हैं। संस्थान के पास टेलीविजन स्टूडियो, रेडियो स्टूडियो, फोटोग्राफी सेक्शन और छापा खाना है। इसलिए प्रशिक्षुओं को संस्थान में ही व्यावहारिक प्रशिक्षण मिल जाता है। संस्थान कई पत्रिकाएं छापता है।
हिंदी और अंग्रेजी में।
1 जुलाई 2024 से दो नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं।
10. पहला है M.A. in Media Business Studies.
इस विभाग की अध्यक्षा हैं प्रो. (डॉ.) सुरभि दहिया।
11. दूसरा है M.A. in Strategic Communication.
इस विभाग के अध्यक्ष हैं प्रो.(डॉ.) प्रमोद कुमार।
(लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)