धारा संस्थान ने 1,000 नई विशेष त्वरित अदालतों की मांग की

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जयपुर। धारा संस्थान ने बलात्कार और यौन शोषण के मामलों में पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाने के उद्देश्य से देशभर में 1,000 नई विशेष त्वरित अदालतों की स्थापना की मांग की है। इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन की रिपोर्ट ‘फास्ट ट्रैकिंग जस्टिस’ के अनुसार, विशेष अदालतों द्वारा मामलों के निपटारे की दर 83% है, जबकि अन्य अदालतों में यह दर केवल 10% है। यह अंतर दर्शाता है कि विशेष अदालतें न्याय प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने में अधिक प्रभावी हैं।

वर्तमान में देशभर में कुल 4,16,638 मामलों में से 2,14,463 मामलों का निपटारा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, यदि नई विशेष अदालतों की स्थापना नहीं की गई तो लंबित मामलों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है। महाराष्ट्र और पंजाब सर्वाधिक मामलों के निपटारे वाले राज्यों में शामिल हैं, जबकि पश्चिम बंगाल सबसे कम निपटारे वाला राज्य है।

धारा संस्थान के निदेशक महेश पनपलिया ने कहा, “न्याय में देरी का मतलब है, न्याय का हनन। इसलिए, हमें तत्काल कार्रवाई करते हुए विशेष त्वरित अदालतों की संख्या बढ़ानी चाहिए ताकि पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिल सके।” संस्थान की इस मांग का उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया को सरल और त्वरित बनाना है।