सांभर महोत्सव का समापन समारोह फीका रहा

सैलानियों का रहा टोटा, इने गिने लोगों को पुरस्कार देकर चलता बना पर्यटन विभाग 

गाइड और जानकारी का अभाव होने से  कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने में लोगों को झेलनी पड़ी परेशानी

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील (जयपुर)। पर्यटन व कला संस्कृति विभाग की ओर से यहां चल रहे तीन दिवसीय सांभर महोत्सव का समापन समारोह रविवार को पूरी तरह से फीका रहा। समापन समारोह के दौरान कोई बड़ी सेलिब्रिटीज नजर नहीं आई। समापन समारोह में पर्यटन विभाग के अलावा दो स्थानीय अधिकारी व  कुछ इर्द-गिर्द घूमने वाले अधिकारियों के लोगों की मौजूदगी रही। समापन समारोह के दौरान पर्यटन विभाग की ओर से आमजन का दिए गए सहयोग के लिए साधुवाद प्रकट किया। विभाग की ओर से एनसीसी कैडेट्स व मेहंदी प्रतियोगिता में अव्वल रही छात्राओं के अलावा कुछ चुनिंदा लोगों को प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह देकर कार्यक्रम की इतिश्री कर ली। 

पर्यटन विभाग की ओर से  कार्यक्रम स्थल की जानकारी की ऐसी कोई सूचना प्रदर्शित नहीं की गई जिससे आमजन को कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने में सहूलियत हो सके। पर्यटन विभाग की ओर से सांभर महोत्सव पर 30 लाख रूपए का फंड खर्च करने के बावजूद स्थानीय स्तर पर एक भी गाइड नियुक्त नहीं किया गया जो बाहर से आने वाले लोगों का मार्गदर्शन कर सके। आरटीडीसी की वेबसाइट पर सांभरझील के इतिहास व ऐतिहासिक स्थलों के अलावा प्रमुख धार्मिक स्थलों के फोटोग्राफ सहित कोई जानकारी भी नहीं डाली गई। 

पर्यटन विभाग की तरफ से प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शुमार अन्य स्थलों की तरह सांभर झील का भी वर्णन किया होता तो उस खास जानकारी को पढ़कर पर्यटकों का यहां आने का अवसर मिलता साथ ही विदेशी सैलानियों का भी रुझान बढ़ सकता तो सांभर महोत्सव महत्व के सार्थक परिणाम निकलते, लेकिन पर्यटन विभाग सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार तक ही सिमटा रहा। व्याप्त कमियों के बारे में जब पर्यटन विभाग के एक अधिकारी से बात की गई तो वह झल्ला गए और कहने लगे हमें कार्यक्रम की कोई जानकारी देने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमारी खबर आगे से रोजाना प्रकाशित हो रही है। 

स्थानीय लोगों में खुशी की लहर  

सांभर महोत्सव कार्यक्रम को लेकर भले ही इसके उद्देश्य पूरी तरह सफल नहीं हो पाए हो लेकिन आम लोगों का कहना है कि सांभर को एक नई पहचान मिलेगी। एक अच्छी शुरुआत है, लेकिन इस कार्यक्रम में सांभर के उन प्रतिभाशाली लोगों को भी शामिल करना चाहिए था जिनके आगे पहुंच नहीं है। कार्यक्रम का मंच संचालन  राजेश आचार्य ने किया।