लेखक : डॉ. सत्यनारायण सिंह
लेखक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में बजट पर हुई चर्चा के बाद में 1100 करोड रूपए की नई घोषनाएं की हैं। इसे मिनी बजट करार दिया जा सकता है। बजट में सदन में हुई चर्चा के दौरान विधायकों द्वारा की गयीं नयी मांगों को इन नई घोषणाओं में शामिल कर लिया गया है। मुख्यमंत्री का दावा है इसमें जनता के हितों का ध्यान रखा गया है।
प्रदेश में नई पहल करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में महात्मा गांधी इंगलिश मीडियम विद्यालय स्थापित किये जा रहे हैं। ये विद्यालय गुणवत्ता की दृष्टि से किसी भी निजी विद्यालय से भी बेहतर हों, इस दृष्टि से एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन कर लोंग टर्म स्ट्रेटेजी एवं एक्शन प्लान निर्धारित किया जायेगा। प्रदेश में शिक्षण एवं अन्य सुविधाओं के विस्तार हेतु संस्था प्रधानों व चयनित शिक्षकों को स्पोकन इंगलिश , एडमिनिस्ट्रेशन एवं लीडरशिप डवलपमेंट के लिए ट्रेनिंग दी जायेगी।
प्रदेश के 358 शैक्षणिक ब्लॉक मुख्यालयों पर स्कूलों/कॉलेजों में 20 करोड़ रुपये की लागत से इंगलिश लेंग्वेज लैब की स्थापना की जायेगी। इससे 50 हजार से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। महात्मा गांधी इंगलिश स्कूलों में स्कूलों में प्रि-स्कूल एजूकेशन, उपलब्ध कराने के निर्णय के साथ-साथ चरणबद्ध रूप से प्ले एलीमेंट्स भी लगाये जायेंगे। इस पर आगामी वर्ष 50 करोड़ रुपये का व्यय होगा। आईसीटी परियोजना में चार हजार उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 256 करोड़ की लागत से कम्प्यूटर लैब्स स्थापित की जायेंगी।
राजस्थान में प्रत्येक संभाग में डिफेंस सिर्विस प्रियरेटरी इंस्ट्ीट्यूट खोले जाएगें : महाराव शेखाजी आर्म्ड फोर्स ट्रेनिक एकेडमी सीकर व सर्विस प्रिपरेटरी इंस्टीट्यूट औरंगाबाद की तर्ज पर संभाग सतर पर एक एक उच्च माध्यमिक विद्यालय में डिफेंस सिर्विस प्रिपरेटरी इंस्टिट्यूट खोले जाएंगे। पॉलिटेक्निक महाविद्यालय जोधपुर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर नॉन कनवेशनल एनर्जी एवं पॉलिटेक्निक महाविद्यालय जयपुर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर इलेक्ट्रिक व्हीकल की स्थापना की जाएगी।
सभी आवासीय और चयनित विद्यालयों में कक्षा 11 वीं 12 वी के विद्यार्थियों के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग के साथ साथ वर्कशाप में कार्य करने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए महात्मा गांधी बुनीयादी शिक्षा केन्द्र शुरू किये जाएंगे। वर्ष इस हेतु 50 करोड़ रुपये का व्यय किया जाएगे। विद्यार्थियों एवं ग्रामीणों स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए बीकानेर में आई-स्टार्ट इनोवेशन स्कूल हब की भी स्थापना की जायेगी। डूंगर कॉलेज-बीकानेर में आडिटोरियम बनाया जायेगा। सरकारी कॉलेज एवं बालिका महाविद्यालय खोले जायेंगे।
चिकित्सा क्षेत्र में वर्तमान में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत एम्पनेल्ट हॉस्पीट्ल्स में ही विभिन्न ट्रांसप्लांट यथा-लंग्स, बोनमेरा, किड़नी, लीवर, कोमा, हर्ट की सुविधा उपलब्ध है। अब प्रदेश के बाहर सहित किसी भी अस्पताल में पैकेज की सीमा तक समस्त ट्रांसप्लांट्स पर राशि का पुनर्भरण प्रस्तावित किया। ऑरगन ट्रांसप्लांट के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों को ऑरगन के रूप में विकसित किया जायेगा।
मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना, आरजीएचएस और मुख्यमंत्री निरोगी राजस्थान योजना में बढ़ते रोगियों को देखते हुए चिकित्सा सुविधाऐं देने और उनकी मेडीकल हिस्ट्री ट्रेक करने के लिए चरणबद्ध रूप से आईटी आधारित आईएचएमएस को सरकारी एवं निजी चिकित्सा संस्थानों में प्रभावी किया जाएगा। आगामी वर्ष प्रथम चरण में सीएचसी तक क्रियान्वयन के लिए 50 करोड़ रूपये व्यय किए जाएंगे। राज्य के चिकित्सा संस्थानों में आईसीयू, नवजात आईसीयू, बाल चिकित्सा आईसीयू बैड्स की संख्या में वृद्धि और नर्सिंग स्टाफ की विशेष प्रकार की ड्यूटी को ध्यान में रखते हुए इनके लिए अलग केडर बनाया जाएगा।
बजट में औद्योगिक विकास में लघु उद्योगों को छूट दी गई है। प्रदेश में एमएसएमई में एनर्जी प्राडक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए निशुल्क एनर्जी ऑडिटिंग की सुविधा और एनर्जी कार्यक्षमाता एक्यूमेंट्स लगाने पर मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत एक प्रतिशत की अतिरिक्त छूट दी जाएगी। राज्य मेंं उद्योग इकाईयों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ण कराने की दृष्टि से सीआईएसएफ की तर्ज पर आरआईएसएफ के गठन की घोषणा की गई है। इसके तहत दो बटालियनों का गठन किया जायेगा। आगामी वर्ष में आरआईएसएफ की एक अतिरिक्त बटालियन का गठन प्रस्तावित है।
उद्यमियों को राहत देने के लिए रिको क्षेत्र में भूखंड आवंटी द्वारा भूमि की एक मुश्त देय समस्त बकाया प्रिमियम राशि 30 सितम्बर, 2023 तक जमा कराने पर देय ब्याज राशि में 60 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। जालोर एवं मण्डोर-जोधपुर में रीको के ईकाई कार्यालय खोले जाएंगे।
सामाजिक सुरक्षा के अन्तर्गत सरकार विशेषयोग्यजनों के प्रति संवेदनशील रही है। राज्य कर्मचारी की मृत्यु के बाद राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम,1996 के अन्तर्गत अविवाहित निशक्त पुत्र-पुत्री ही पारिवारिक पेंशन हेतु पात्र माना गया था। अब विवाहित निशक्त पुत्र-पुत्री की भी पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र घोषित है।
उड़ान योजना के अंतर्गत लगभग एक करोड़ 45 लाख किशोरियों एवं महिलाओं को सेनीटेरी नैपकिन निःशुल्क वितरण का कार्य हाथ में लिया गया है। प्रयुक्त सेनीटेरी नैपकिन्स के री साईकिल , बायोडिग्रेडेशन एवं इको -फ्रेंडली डिस्पोजल के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाएगी। आगामी वर्ष इस पर 100 करोड़ रुपये का व्यय होगा।
कुष्ठरोग मुक्त विशेष योग्यजनों को रोडवेज की साधारण एवं एक्सप्रेस बसों में राज्य की सीमा के भीतर निशुल्क यात्रा की सुविधा देना प्रस्तावित है। इन्हें वर्तमान में दी जा रही 1500 रूपये प्रतिमाह की सहायता को बढ़ाकर 2500 रूपये किया जाएगा।
सार्वजनिक निर्माण द्वाराः विभिन्न क्षेत्रों में सड़क निर्माण व उन्नयन के लिए 1900 करोड़़ रूपये की लागत से सड़क निर्माण होगा। भवन निर्माण सम्बन्धी अनुसंधान के लिए जयपुर में सेटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रोड़ एण्ड बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन की 40 करोड़ की लागत से स्थापना की जाएगी।
स्वायत्त शासन विभाग को सशक्त बनाया जायगा : बीमारी से मरने वाले पशुओं के निस्तारण के लिए प्रथम चरण में जिला स्तर पर के नगर निकायो में प्लांट्स बनाए जाएंगे। इस पर 75 करोड़ रूपये खर्च होंगे। राज्य के 50 नगरीय निकायों के जल भराव क्षेत्रों के लिए 200 करोड़ रूपये खर्च किये जाएगें। 100 करोड़ रूपये की लागत से थ्री-इन-वन मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी। 118 नगरीय निकायों में डम्पिंग ग्राउण्ड में पुराने कचरे के निस्तारण के लिए 54 करोड़ रूपये खर्च होंगे। निर्माण एवं विघ्वंश अपशिष्ट के रिसाईक्लिंग के लिए प्लांट्स लागाये जाएंगे। प्रथम चरण में 24 करोड़ रूपये से कोटा, जोधपुर, बीकानेर, अजमेर और अलवर में प्लांट्स बनेंगे। प्राकृतिक आपदाओं में होने वाली जन हानि, आगजनी सहित अन्य घटनाओं पर रोकथाम के लिए क्विक रेसपोंस के लिए 200 फायर वाटर टेंडर दिये जाएंगे। इस पर 75 करोड़ रूपये खर्च होंगे। आगजनी से बचाव के लिए नये अग्नि शमन केन्द्र खोले जाएंगे।
15000 से अधिक गॉवों में पेयजल व्यवस्था की अत्याधुनिक तकनिकी से सेंसर आधारित मानिटरिंग व्यवस्था, आईटी आधारित रियलटाईम मोनीटरिंग सिस्टम के साथ ही सेंट्रल कमाण्ड सेंटर की स्थापना की जाएगी। इस पर 500 करोड़ रूपये खर्च किये जाएंगे।
वन क्षेत्र के विकास के लिए नये वन क्षेत्र विकसित किये जायेंगे। नीदड बैनाड वन क्षेत्र में 135 हैक्टेयर भूमि और कालवाड़ रोड़ पर गोविन्दपुरा की 10 हैक्टेयर भूमि पर 18 करोड़ 37 लाख रूपये से जैव विविधता वन विकसित किए जाएंगे। आकल वुड फोसिलस पार्क-जैसलमेर को विश्व स्तरीय बनाने के लिए डीपीआर बनाई जाएगी। वन क्षेत्रों में कुशल प्रबंधन, संचालन और आधार भूत सुविधाऐं विकसित करने के लिए-ड्रोन के माध्यम से सीडिंगी, वायरलेस सिस्टम में सुधार और ट्रैप केमरों के लिए 15000 करोड़ रूपये दिए जाएंगे। पेट्रोलिंग ट्रैक, फायर लाईन व नवीन वन चौकियों के निर्माण के लिए 35 करोड़ रूपये व्यय किए जायेंगे।
प्रदेश में पर्यटकों को सुरक्षा एवं सहायता के लिए 5000 पर्यटक मित्र बनाये जाएंगे। पर्यटक सहायता वल को 75 वाहन दिए जायेंगे। प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाएगा। नागौर में नाड़ी, पार्क व तालाब का सौन्दर्यीकरण होगा। 5 प्रमुख मंदिरों में ऑनलाईन दर्शन की व्यवस्था की जाएगी। बानसूर के किले में स्थित माता के मंदिर व तालवृक्ष स्थित गंगा मां के मंदिर परिसर में विकास कार्य करायें जाएंगे।
रविन्द्र मंच जयपुर का सुदृढिकरण एवं सौन्दर्यीकरण कर इसे मल्टी कल्चरल सेंटर बनाया जाएगा। जयपुर कत्थक केन्द्र का आधुनिकीकरण किया जाएगा। बारां जिले में सहरिया संग्राहलय स्थापित किया जाएगा। अभिलेख-संग्राहलय-बीकानेर में आगामी वर्ष 350 स्वतंत्रता सेनानियों की फोटो व फोटोग्राफी दीर्घा और 200 सीटों के वातानुकूलित सभागार का निर्माण करवाया जाएगा। अल्बर्ट हाल पुस्तकालय, जयपुर का नवीनीकरण व दुर्लभ दस्तावेजों का डिजिटिलाईजेशन किया जाएगा। राजस्थान प्राच्च विद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर का आधुनिकीकरण एवं सुदृढिकरण किया जाएगा।
ऊर्जा तंत्र के आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए सवा-बाड़मेर में 220 केवी जीएसएस स्थापित किया जायेगा। एवं 6 जिलों में 132 केवी जीएसएस स्थापित किये जायेंगे। 9 स्थानो पर 33/11 केवी जीएसएस स्थापित किये जायेंगे। अधिशाषी अभियंता व सहायक अभियंता (विद्युत) के नवीन कार्यालय खोले जायेंगे। जयपुर में मानसरोवर से स्वेज फार्म होते हुए एसएमएस स्टेडियम तक 132 केवी हाईटेंशन लाइन को अंडरग्राउण्ड किया जायेगा।
कृषकों को कृषि कनेक्शनों के विद्युत भार को बढ़ाने हेतु स्वैच्छिक भार वृद्धि योजना लागू की जायेगी। कृषि उपज मण्डियां खोली जायेंगी। प्रदेश में पशु चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार हेतु पशु चिकित्सा केन्द्र खोले/क्रमोन्नत किये जायेंगे। प्रदेश में सिंचाई सुविधा के विस्तार हेतु नोहर क्षेत्र के 35 गांवों की लगभग एक लाख 20 हजार हेक्टेयर भूमि की समुचित सिंचाई व्यवस्था करने की दृष्टि से नोहर फीडर की रिलाइनिंग के लिए 20 करोड़ रुपये का व्यय किये जाऐंगे। खालों का निर्माण एवं जीर्णोद्धार करवाया जायेगा।
गुड़गांवा कैनाल से शेष रही कच्ची वितरिकाओं को पक्का करने सम्बन्धी कार्य 100 करोड़ रुपये की लागत से करवाये जायेंगे। 100 एनिकटों के निर्माण/जीर्णोद्धार व 100 नहरी तंत्रों के जीर्णोद्धार हेतु 400 करोड़ रुपये के कार्य प्रारम्भ किये जायेंगे। आठ पंचायतों में लिफ्ट सिंचाई द्वारा चम्बल का पानी उपलब्ध जायेगा। कृषि विज्ञान केन्द्र तथा खाद, बीज, दवाई विश्लेषण प्रयोगशाला स्थापित की जायेगी। श्रीगंगानगर एवं हनुमानगढ़ जिलों के कपास उत्पादन करने वाले किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य मिल सके, इस दृष्टि से स्पिनिंग मिल हनुमानगढ़ को पुनः प्रारम्भ कराया जयेगा।
योजनाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए विभिन्न विभागों हेतु सेटेलाइट इमेजरी की आवश्यकताओं के अनुरूप राजधारा प्लेटफॉर्म पर टाईम सिरीज हाई रिजोलूशन सेटेलाईट इमेजरी रेपोसेटरी की स्थापना की जायेगी एवं इसके विश्लेषण हेतु हाई एण्ड लैब की भी स्थापना की जायेगी, जिससे राज्य के विकास एवं आवश्यकताओं की प्रभावी समीक्षा की जा सकेगी। इसके लिए 90 करोड़ रुपये का व्यय किया जायेगा। प्रदेश में प्रशासनिक इकाइयों के विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण हेतु मिनी सचिवालय अतिरिक्त जिला कलक्टर कार्यालय उपखण्ड कार्यालय तहसील कार्यालय खोले जायेंगे। उप तहसील से तहसील में क्रमोन्नत किया जायेगा। उप तहसील कार्यालय खोले जायेंगे। नई नगर पालिका बनाई जायेंगी। रोडवेज बस डिपो खोले जायेंगे।
नायब तहसीलदार, नर्सिंग अधीक्षक इत्यादि पदों को राजपत्रितघोषित किया जायेगा। अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा प्रदेश की नीतियों एवं कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में किए गए नवाचारों एवं तद्नुसार अर्जित उपलब्धियों के प्रोत्साहन हेतु मुख्यमंत्री सार्वजनिक सेवा उत्कृष्टता पुरस्कार’ दिये जाऐंगे। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)