फसल बीमा जागरुकता को लेकर हुई बैठक में हुआ हंगामा

अरशद शाहीन 

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पीपलू। कस्बे के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सभागार में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति जागरूक करने को लेकर आयोजित बैठक में भी किसानों ने जमकर हंगामा करते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया। क्रय विक्रय सहकारी समिर्ति के पूर्व चैयरमेन छीतरलाल चौधरी, कृषक मित्र नारायण सांखला, कैलाश मोरी, कृष्णकुमार जांगिड़, मुकेश दगोलिया, शंभु सिंह, बद्रीलाल जाट ने कहा कि हर वर्ष किसान फसल बीमा करवा रहे है लेकिन नुकसान होने पर उनके खातें में क्लेम ऊंट के मुहं में जीरा के समान आ रहा है। वहीं बीमा कंपनी से जुड़े प्रतिनिधि, टोल फ्री नंबर, बैंक, कृषि कार्यालयों पर इसका कोई संतोषप्रद जवाब नहीं मिल रहा है। 

किसानों ने कहा कि हर वर्ष किसान बैंक खातों के माध्यम से फसल बीमा के तहत प्रीमियम राशि कटवाते है लेकिन जब फसल खराबे या अकाल की स्थिति में मुआवजे की बारी आती है तो कंपनियां पीछे हट जाती हैं तथा किसानों को गुमराह करती है। इतना ही नहीं फसल बीमा के तहत संसूचित फसलें पर भी अपनी मर्जी से चुन ली जाती है। जब बीमा कंपनी छलावा ही करती हैं तो किसान बीमा करवाना बंद ही करेंगे। किसानों ने बताया कि खरीफ फसल में किसानों के हुए नुकसान का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को क्लेम मिल रहा है। जिसमें क्षेत्र के सैकड़ों किसान तो ऐसे हैं जिनके 100 रुपए या इससे कम क्लेम राशि बैंक खाते में आई हैं। किसानों का कहना हैं कि इससे तो अच्छा देती ही नहीं। इतना सा मुआवजा देकर क्या साबित करना चाहती है। 

इनका कहना है

किसानों को तहसील स्तर एवं पटवार स्तर के सर्वे के अनुसार क्लेम मिला है। पटवारी द्वारा जितना नुकसान बताया गया, उसके अनुसार ही क्लेम दिया गया हैं। किसान ज्यादा जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर पर बात कर सकता है। -दिनेश कुमार मीणा, एचडीएफसी एग्रो, बीमा कंपनी प्रतिनिधि