जीवन मे स्वस्थ रहने के लिए कई नए नियम फॉलो करने होंगे
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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यूँ तो हम हर साल में कई नए संकल्प लेते है और उन्हें पूरा भी करते है। इसके पीछे हर किसी की चाहत यही होती है कि नया साल हमारे जीवन में नई उम्मीदें, नई उमंगे,और नई ऊर्जा लेकर आये। आने वाला साल हमारे लिए सफलताओ से भरा रहे। लेकिन बुनियादी सवाल यह है कि क्या कैलेंडर का पन्ना बदलने से दिन नया हो जाता है? आखिर इस नए की परिभाषा क्या है? नया होने के लिए मन को नया करना जरूरी है। जैसे हरा भरा पेड़ पतझड़ में अपने पत्ते गिरा देता है और नए पत्तो को आमंत्रण देता है। वैसे ही आदमी को भी अपने सभी जटिल विचार त्याग देना चाहिए। कोरोना काल ने सम्पूर्ण मानव जाति को कई सबक सिखाएं है जो हर साल लागू रहेंगे। तो आपको अपने जीवन मे स्वस्थ रहने के लिए कई नए नियम फॉलो करने होंगे जिसमे प्रमुख है।
कोविड 19 के संक्रमण के समय अखबार, पत्रिकाएं, ऐसे आलेखों से भरे पड़े थे जिसमें बताया जा रहा था कि अपनी रोग प्रतिरोधक शक्ति मजबूत कीजिये। जब हम हमारी भारतीय प्राचीन जीवन पद्धति को देखते है तो पाते है कि हमारे भोजन ,रहन सहन, पूजा उपासना से लेकर रोजमर्रा के कामकाज तक को हमारे ऋषि मुनियों ने इस तरह डिजाइन किया था कि हम स्वतः ही अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर रखते थे। सूर्योदय से पहले उठकर व्यायाम, ध्यान, ओषधि युक्त घरेलू नुस्खे ,हवन जैसी प्रकियाएं हमारे रोजमर्रा का हिस्सा हुआ करते थे। इसके लिए अलग से कोई क्रेश कोर्स नही करना होता था। कहते भी है कि इतिहास अपने आपको ही दोहराता है। यही कोविड 19 में हो रहा है। हमे अपने पूर्वजों की आदतों को अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा ताकि संभावित चुनौतियों का हम डटकर सामना कर सकें।
कहा जा रहा है कि अगर मास्क का हर व्यक्ति उपयोग करे तो कोरोना से काफी हद तक बचाव हो सकता है। एक जरुरी बात यह भी है कि मास्क के साथ साथ हाथो को साबुन या सेनेटाइजर से साफ रखना भी उतना ही जरूरी है। कहा जाता है कि सही ढंग से हाथ धोने से तकरीबन 99 फीसदी कीटाणु निकल जाते है। चूंकि कोरोना संक्रमण अभी रुका नही है लेकिन जब थम भी जायगा तो भी स्वस्थ रहना है तो बात तभी बनेगी जब हाइजीन के प्रति ईमानदारी बरती जाए।
सही मायने में खुश रहना ही जिंदगी का असली फलसफा है। यही फलसफा मन के हर बोझ को कम कर देता है। कोविड कहर के दौरान हुए सर्वे के मुताबिक लोगो को यही सलाह दी जा रही है है कि वे खुश रहे क्योकि खुश रहने से शरीर की इम्युनिटी बनी रहती है। ऐसा भारतीय शाश्त्रो में कहा गया है।खुश रहकर आप किसी को सिर्फ खुश ही नही करते बल्कि किसी की पीड़ा को भी कुछ देर के लिए कम कर सकते है। और फिर मुस्कुराने में कुछ नही लगता। इसके लिए कोई बड़े बड़े ग्रन्थ नही पड़ने पड़ते। तो कोविड के नए कैलेंडर में मुस्कुराने एक पेज जरूर बनाये तथा बिना पैसे के इस जादू को अपने तथा अपने आसपास सभी के चेहरे पर फैलाते रहे।
शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा जिसका मन हरियाली देखकर खुश न होता हो। वैज्ञानिकों का कहना है कि चारो तरफ हरियाली देखकर मन तो खुश होता ही है साथ ही शरीर मे चुस्ती का संचार भी होता है। कोविड के मुश्किल दौर में हरियाली का महत्व इसलिए भी बढ़ गया है कि हमारे शरीर मे ऑक्सीजन का लेवल पर्याप्त मात्रा में होना चाहिए। अब तो कई शहरों में हरियाली बढ़ाने के कई प्रयास चल रहे है। अच्छी बात यह भी है कि कई शहरों में ऑक्सीजन पार्क भी बन रहे है। प्रकृति से जुड़ना ही जीवन मे पर्याप्त खुशी लाने के लिए काफी है इसलिए इससे जुड़ाव को और भी मजबूत कीजिए।
अखबार वगेरह तो हमारे पढ़ने में आते ही रहते है लेकिन इसके अलावा हमे कुछ न कुछ नया पढ़ने का प्रयास करते रहना चाहिए। इससे हमारा मनोरंजन तो होता ही है कई नई जानकारियां भी मिलती है।
बात जब हेल्दी खाने की हो तो ऐसा खाना जो स्वाद के साथ पौष्टिक भी हो। ये आदत आपको कोरोना कहर में ही नही हर समय काम आएगी। कहा भी गया है" पहला सुख निरोगी काया"। फ़ास्ट फ़ूड की अति से बच ताजा खाना खाने की आदत पर दृढ़ रहे।
क्रिएटिविटी आपको हमेशा उत्पादित ही करेगी। अब जब समय है तो अपने हर हुनर को बाहर निकाले। कहते है रचनात्मक लोगअपने सपनो, प्लान, ओर प्रोग्राम को लेकर बहुत आशान्वित होते है। इसलिए इनमे हमेशा एनर्जी रहती है। चाहे जिस फील्ड में हो ऐसे लोग खुद को हमेशा अपडेट रखते है। कोरोना में कई लोगो के कामकाज पर भी असर पड़ा है। तो यही समय अपने हुनर दिखाने का है। यदि आपमे हुनर है तो बस चूकिए नही , एक जुनून के साथ जुट जाइये। कंप्यूटर ,इंटरनेट,ओर अखबार भरे पड़े है। इससे घर बैठे आय भी होगी तथा हर फील्ड में अपडेट होना आपको कही नीचा नही दिखयगा।
स्वयं को संचालित करने वाली उस ईश्वरीय सत्ता को धन्यवाद देना कभी न भूले। कोविड के कारण कई कई लोगो के जीवन मे उतार चढ़ाव आये लेकिन उसका बेहतर तरीके से सामना करते हुए उस शक्ति में दृढ़ विश्वास रखेगे तो जीवन की हर विपरीत परिस्थिति से निकलने में आसानी होगी। (लेखिका का अपना अध्ययन एवं अपने विचार है)