जयपुर को वेस्ट-फ्री एवं संस्थानों को सुन्दर व खुशनुमा बनाना मेरा स्वप्न : अपर्णा मक्कड़

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जयपुर। आज हमारे सामने सबसे बड़ा सवाल है कि हम अगली पीढ़ी को क्या देकर जायेंगे? क्या हम उनसे साफ-सुथरी धरती विरासत में देने का वादा कर सकते हैं? ऐसे सवाल जब हमारे ज़ेहन में आते हैं तब इनका जवाब प्रकृति प्रेमी अपर्णा मक्कड़ देते हुए कहते हैं कि हम अपने घरों, ऑफिसों में अनेक बेकार के सामान को कबाड़ के तोर पर अपने घरों में जमा कर लेते हैं यदि इनका सही उपयोग किया जाए तो ये सामान कबाड़ नहीं बल्कि डेकोरेटिव बन कर हमारे घरों, कार्यालयों एवं संस्थानों की शोभा बछड़ा सकते हैं। 

संवाद-सेतु एक स्टार्टअप है जिसका लक्ष्य है कि जयपुर को वेस्ट- फ्री राजधानी बनाना और सरकारी एवं निजी संस्थानों को अति सुन्दर, हरा-भरा, खुशनुमा और प्रकृति के करीब ले जाना।

अपर्णा मक्कड़ का कहना है हम वेस्ट मैटीरियल से कलाकृतियां बनाते हैं। इन कलाकृतियों से किसी स्पेस को थीम के अनुसार सजाया जा सकता है। वेस्ट मैटीरियल से गमले, वॉल पीसेज़, सेंटर पीस, कार्नर, टेबल, मैक्रेमे, गुलदस्ता, दर्पण, लाइट्स, खूंटी जैसी अनेकों कृतियां बनाई है। ये थीम किसी संस्थान को सुंदर, कलात्मक और हरा-भरा बनाने का माद्दा रखती हैं। ऐसे माहौल में काम करने और आने-जाने  वाले लोगों की उत्पादकता, रचनात्मकता और उत्साह बढ़ता है, ऐसा रिसर्च से बार बार प्रमाणित होता रहा है। 

मक्कड़ ने वेस्ट मैटीरियल से काफी कुछ बनाकर तैयार किया है जिसको अवाम तक दिखाने, समझने के लिए जवाहर कला केन्द्र जयपुर की सुदर्शन कला गैलरी में प्रदर्शनी लगा रखी है।  जिसको इन्होंने 'नेचर एज़ प्रेयर' शीर्षक दिया है। इसमें 21 थीम दर्शायी गयी हैं जिन्हें कला गैलरी में 31 अगस्त से 4 सितंबर तक सुबह 11 से शाम 7 बजे तक के लिए सभी के अवलोकनार्थ प्रदर्शनी में सजाकर रखा है।