जयपुर। राजस्थान उद्योग और वाणिज्य विभाग ने राज्य के व्यापार और उद्योग प्रतिनिधियों के साथ सीधे संवाद के लिए दरवाजे खोल दिए हैं। इस तरह की पहली चर्चा पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सहयोग से जयपुर में हुई थी और जल्द ही इस तरह की और बातचीत संभाग मुख्यालय में आयोजित की जाएगी।
एसीएस उद्योग और वाणिज्य, सुश्री वीनू गुप्ता ने कहा की उद्योग और विभाग के बीच सीधा संवाद विभिन्न सरकारी योजनाओं के प्रति बेहतर समझ प्रदान करने में मदद करता है, साथ ही उनमें और सुधार के लिए सुझाव लाने में भी मदद करता है। आज, हमने श्रृंखला में पहली चर्चा की और इस तरह की बातचीत को जिला स्तर पर आयोजित करने के लिए तत्पर हैं
संवाद का उद्देश्य निवेशकों को वन स्टॉप शॉप (ओएसएस) जैसी राज्य सरकार की उद्योग अनुकूल पहलों की बेहतर समझ प्रदान करना है। चर्चा के दौरान उपस्थित उद्योगपतियों और निवेशकों को राज्य में उभरते निवेश स्थलों के बारे में भी जानकारी दी गई। सभा को संबोधित करते हुए एमडी रीको, शिव प्रसाद नाकाटे ने प्रदेश में रीको द्वारा विकसित किये जा रहे नवीन औद्योगिक नगरों एवं अन्य औद्योगिक क्षेत्रों की जानकारी दी।
इससे पहले, बीआईपी आयुक्त ओम कसेरा ने निवेशकों को ओएसएस और निवेश प्रक्रिया को तेजी से ट्रैक करने में इसके प्रभाव के बारे में जानकारी दी। ओएसएस अपने पोर्टल के माध्यम से 14 विभिन्न विभागों से 100 से अधिक सेवाएं प्रदान करता है। 10 करोड़ रुपये या उससे अधिक के किसी भी निवेश प्रस्ताव को पोर्टल के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है और आवश्यक अनुमति और मंजूरी समयबद्ध प्रारूप में तय की जाएगी।
नए एमएसएमई अधिनियम ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को प्रारंभिक तीन वर्षों के लिए राज्य सरकार की मंजूरी की आवश्यकता से राहत दी, ओएसएस 10 करोड़ रुपये से ऊपर के सभी निवेश प्रस्तावों के लिए प्रक्रिया को आसान बना देता है ।
14 विभागों जैसे उद्योग, रीको लिमिटेड, ऊर्जा, श्रम, शहरी विकास, स्थानीय स्वशासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उपभोक्ता मामले, पर्यटन, राजस्व, कारखाना और बॉयलर, लोक निर्माण, सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग और स्वास्थ्य के अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति होगी।
राजस्थान सरकार हरित क्षेत्र परियोजनाओं और एफडीआई निवेश के माध्यम से निवेश प्रोत्साहन की नीति को आक्रामक रूप से आगे बढ़ा रही है और राज्य में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) में सुधार के लिए विभिन्न पहल की है। विभिन्न विभागों के दरवाजे खटखटाने से लेकर 90 तरह की मंजूरी और मंजूरी लेने से लेकर उद्योग भवन स्थित ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन (बीआईपी) तक निवेशकों को एक ही ऑफिस में जाने से राहत मिलेगी।