कारगिल विजय दिवस समारोह
राज्य सरकार जवानों के परिवारों को प्रत्येक सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध : सैनिक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
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जयपुर। राजस्थान के सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुड्डा ने कहा कि राजस्थान शुरू से ही वीरों की जन्मभूमि रही है तथा राज्य सदियों से देश की रक्षा के लिए काम कर रहा है।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जवानों तथा उनके परिवार को आर्थिक एवं भावात्मक तरीके से सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
गुड्डा अमर जवान ज्योति पर कारगिल विजय दिवस समारोह के मौके पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शेखावटी में ऐसे बहुत से गांव है जहां पर सेना में युवाओं को पीढ़ी दर पीढ़ी भेजा गया है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में शहीद की शहादत पर हजारों की संख्या में जवान तिरंगा लेकर इस उत्सव को मनाते है।
गुड्डा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शहीद के परिवारों को हाउसिंग बोर्ड के माध्यम से घर अथवा 25 बीघा जमीन अथवा 25 लाख की नकद राशि प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कारगिल युद्ध के बाद सेना को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि में वृद्धि, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के सैनिकों को पेंशन राशि में वृद्धि की गई। उन्होंने सभी सैनिकों को आश्वस्त किया कि आगामी समय में राज्य सरकार द्वारा सैनिकों के कल्याण के लिए विभिन्न तरह के कार्यक्रम तथा योजनाएं संचालित की जाएंगी।
गुड्डा ने कहा कि राजस्थान महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान तथा दुर्गादास राठौड़ जैसे देशभक्तों की जन्मभूमि रही है तथा अग्निपथ योजना से जवानों में सेना में जाने का जज्बा कम होगा तथा देश के लिए सेवा करने के लिए यह योजना सही नहीं है।
इस अवसर पर राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह ने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों की प्रशिक्षण की अवधि बहुत कम है जो कि देश की रक्षा के लिए सही नहीं है साथ ही इस योजना से सेना में जो वर्गीकरण हुआ है वह भी दुर्भाग्यपूर्ण है।
इससे पहले गुड्डा ने अमर जवान ज्योति पर बैंड की धुन के साथ पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। समारोह में गुड्डा ने सेना के भूतपूर्व सैनिकों के साथ संवाद भी किया। इस अवसर पर राज्य सैनिक कल्याण समिति के उपाध्यक्ष रामसहाय बाजिया, प्रमुख शासन सचिव सैनिक कल्याण विभाग आनंद कुमार, सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक ब्रिगेडियर वीरेंद्र सिंह राठौड़ सहित बड़ी संख्या में सेना के भूतपूर्व अधिकारी तथा विभिन्न सैन्य अधिकारी मौजूद थे।