विस्तृत विवरण व फोटोग्राफ के साथ बार एसोसिएशन ने सीएम को दिया था प्रतिवेदन
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
www.daylife.page
सांभरझील (जयपुर)। सांभर उप जिला को जिला घोषित करवाने के लिये नवीन जिला बनाओ समिति के अध्यक्ष रहे रिटायर्ड आईएसएस रहे जीएस संधु को स्थानीय बार एसोसिएशन की ओर से वर्ष 2012 में विस्तृत ब्यौरे व फोटोग्राफ के साथ पुस्तक के रूप में तैयार कर सौंपा गया प्रतिवेदन आज भी विचाराधीन चल रहा है। यूं तो सांभर को जिला घोषित करवाने के लिये लगातार छह दशकों से निरस्तर प्रयास किया जाता रहा है, लेकिन वर्ष 1960 से लेकर अभी तक प्रदेश में सरकार ने अनेक नवीन जिलों का सृजन किया गया लेकिन सांभर को सरकार की ओर जिला घोषित करवाने का हर बजट में बेसब्री से क्षेत्रवासियाें को इंतजार बना रहता है।
वर्ष 2012 में बार एसोसिएशन के भूतपूर्व अध्यक्ष शेख शमीमुलहक, सचिव नरेन्द्र कुमार शर्मा के नेतृत्व में जिला बनाओ संयोजक समिति के अध्यक्ष रहे वरिष्ठ अधिवक्ता स्वर्गीय सत्यनारायण मिश्रा के सानिध्य में मुख्यमंत्री अशाेक गहलोत के सरकारी आवास पर उन्हें इस आशय का उक्त प्रतिवेदन साैंपा गया था तो उन्होंने खुद ने पुस्तक के रूप में संजोये गये प्रतिवेदन की तारीफ करते हुये इसके लिये आश्वासन भी दिया था। इसके बाद पुन: बार एसोसिएशन के बनैर तले ही निवर्तमान मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे के समक्ष फिर से उक्त प्रतिवेदन सौंपकर विधानसभा क्षेत्र के समग्र विकास व क्षेत्रवासिसयों की साठ साल पुरानी प्रबल मांग को दृष्टिगत रखते हुये जिला घोषित करवाने के लिये ठोस आधारों के साथ अनुरोध किया था, लेकिन कोरे आश्वासन ही आज तक मिलने से इस क्षेत्र का प्रशासनिक व राजनीतिक दृष्टि से भला नहीं हो पा रहा है। सांभर को जिला बनाये जाने के पक्ष में क्षेत्र के अनेक जनप्रतिनिधियोें की ओर से इसके लिये ख्ूुद की तरफ से लिखकर दिया गया था जो प्रतिवेदन भी आज भी संकलित है।
फुलेरा विधानसभा के विधायक निर्मल कुमावत ने भी विपक्ष में रहते हुये दो दफा विधानसभा में सांभर को जिला बनाने के लिये आवाज उठायी थी, लेकिन सरकार ने उसका भी कोई सकारात्मक उत्तर नहीं दिया। यह बताना जरूरी है कि सांभर उप जिला को जिले का दर्जा मिलने के बाद की सीमाओं के नजदीक नागौर, जयपुर, अजमेर, सीकर जिले की अनेक तहसीलों के नवीन जिले में शामिल होने से लाखों लोगों को खुद के प्रशासनिक कार्यों के लिए लम्बी दूरी से निजात मिल सकेगी साथ ही जयपुर जिला कार्यालय पर प्रशासनिक बोझ भी कम हो सकेगा। बता दें कि सरकार की ओर से यहां की भौगोलिक स्थिति व प्राचीन नगरी में मौजूद ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों को ध्यान में रखते हुये सांभर को पर्यटन का दर्जा भी पहले से दिया जा चुका है।
खास बात यह भी सामने आयी है कि सरकार की ओर से नवीन जिला बनाओं समिति के अध्यक्ष रहे परमेश कुमार व जीएस संधु की ओर से सांभर काे जिला घोषित किये जाने के लिये इसका पक्ष रखते हुये सिफारिश भी की जा चुकी है। सांभर को जिला घोषित करवाने के लिये प्रयास तो अनेक हुये लेकिन राजनीतिक प्रेशर कम होने के कारण इसे हमेशा ही नजरअदांज किया जाता रहा है। सरकार की तरफ से इसी बजट सत्र में नवीन जिला बनाये जाने की चर्चा व सुगबुगाहट के चलते फिर से क्षेत्रवासियों को उम्मीदों के पंख लगना भी शुरू हो गये है, लेकिन माना जा रहा है कि इसके लिये सत्ता व विपक्ष के राजनेताओं को एक साथ मिलकर इस मांग को फिर से पुर्नजीवित करने की जरूरत है, ताकि क्षेत्रवासियों के सुनहरे सपने साकार हो सके।