राजीनामा से सुलह होने पर दोनों पक्षों को मिलती है राहत : पूजा मीना

ग्राम न्यायाधीश ने त्याेद की सरकारी स्कूल में लगाया शिविर

शैलेश माथुर की रिपोर्ट

www.daylife.page 

सांभरझील (जयपुर)। ग्राम न्यायाधीश पूजा मीणा ने कहा है कि लोक अदालत के जरिये अधिक से अधिक प्रकरणों का राजीनामा के जरिये निस्तारण होने से अनावश्यक मुकदमों का तो बोझ कम होता ही है इससे लम्बे समय से चले आ रहे सिविल व आपराधिक प्रकृति के मुकदमों में मौके पर फैसला होने से दोनों पक्षों को राहत मिलती है। 

ग्राम पंचायत त्योद की शहीद भगत सिंह शेखावत राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल क्रियान्वयन के लिये आयोजित शिविर के दौरान उन्होंने ग्रामवासियों, जनप्रतिनिधियों से कहा कि गांवों में अक्सर छोटी छोटी बातों को लेकर एक दूसरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी जाती है, जिनमें ज्यादातार सीमा विवाद से जुड़े मामले तो होते ही है इसके अलावा आपसी झगड़े व फोश शब्दों को लेकर थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी जाती है, लेकिन इसके बाद वे भूल जाते है और मुकदमें कई सालों तक चलते रहते है, इसलिये हमारा उद्देश्य है कि ऐसे मामलों को लेकर लोक अदालत में दोनों पक्षों के बीच मध्यस्तता के जरिये राजीनामा से सुलह हो, इसका एक फायदा तो यह होगा कि मुकदमेंबाजी खत्म हो जायेगी और दोनों पार्टियों के बीच रहा तनाव भी समाप्त होगा तो इससे बहुत बड़ी राहत मिलेगी दूसरा अदालत का और दोनों पक्षों के समय भी बचत हो सकेगी। 

पूजा मीना ने बताया कि राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के अध्यक्ष हरवेन्द्र सिंह व ताल्लुका विधिक सेवा समिति अपर जिला एवं सैशन न्यायाधीश बृजेश कु़मार शर्मा के निर्देशानुसार आगे भी अनेक ग्राम पंचायत में लोक अदालत के लिये शिविर का आयोजन किया जायेगा।  इससे पहले विद्यार्थियों के सहयोग से जागरूकता रैली भी निकाली गयी, रैली को स्वयं ग्राम न्यायाधीश पूजा मीना ने ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर तालुका विधिक सेवा समिति के प्रभारी चांदमल सांभरिया, सरपंच हरदेव चौधरी, पूर्व सरपंच पदमसिंह राजपूत, हेड कांस्टेबल महादेव, रीडर अम्बिका प्रसाद, प्रधानाचार्या सीमा राठौड़, शिक्षक बजरंगलाल, दिनेश कुमार, सुधीर पारीक, शशी अरोड़ा सहित अनेक की उपस्थिति रही।